पुतिन से सीक्रेट मीटिंग करने प्लेन की जगह ट्रेन से रूस पहुंचे किम जोंग उन, जानें- ट्रेन की खासियत

Kim Jong Un Russia Visit: किम जोंग उन की प्राइवेट ट्रेन ने रूस में एंट्री कर ली है. किम जोंग उन के साथ मिलिट्री के टॉप कमांडर भी हैं. किम जोंग उन की बख्तरबंद ट्रेन में 20 बुलेटप्रूफ गाड़ियां भी हैं. इससे ट्रेन और भारी होती है, जिसका असर उसकी स्पीड पर भी पड़ता है.

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साल 2019 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और नॉर्थ कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन की मुलाकात व्लादिवोस्तोक में ही हुई थी.
प्योंगयांग:

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह (North Korea Dictator) किम जोंग उन (Kim Jong Un) 4 साल बाद अपने देश से बाहर निकले हैं. किम जोंग रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin)से मिलने पहुंचे हैं. दोनों की सीक्रेट मीटिंग होने वाली है, इसलिए इसे लेकर अब तक ज्यादा कुछ सामने नहीं आया है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन और किम जोंग उन की मीटिंग व्लादिवोस्तोक में होने वाली है. रूस की न्यूज एजेंसी तास के मुताबिक दो मुलाकातों के बाद पुतिन और किम जोंग उन डिनर करेंगे. खास बात ये है कि नॉर्थ कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin-Kim Jong Un Secret Meeting) से मिलने के लिए प्राइवेट प्लेन से नहीं, बल्कि प्राइवेट ट्रेन से पहुंचे हैं.

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, किम जोंग उन की प्राइवेट ट्रेन ने रूस में एंट्री कर ली है. किम जोंग उन के साथ मिलिट्री के टॉप कमांडर भी हैं. किम जोंग उन की बख्तरबंद ट्रेन में 20 बुलेटप्रूफ गाड़ियां भी हैं. इससे ट्रेन और भारी होती है, जिसका असर उसकी स्पीड पर भी पड़ता है. वो 59 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ज्यादा तेज नहीं चल पाती है, जो किसी भी मॉडर्न ट्रेन से बहुत कम रफ्तार है. किम ने 1180 किमी का सफर 20 घंटे में तय किया है. आम ट्रेन से 1180 किमी का सफर 14 घंटे में तय हो जाता है.

प्लेन के बजाय ट्रेन में क्यों आए हैं किम?
ये नॉर्थ कोरिया की परंपरा है. साउथ कोरियाई मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, किम जोंग उन के पिता किम जों 2 और दादा किम 2 सुंग दोनों को हवाई सफर से डर लगता था. इस डर की वजह जेट की टेस्ट फ्लाइट के दौरान हुआ धमाका था .इस घटना के बाद किम इल सुंग 1986 में एकबार सोवियत संघ गए थे. यह आखिरी बार था जब उत्तर कोरियाई नेता ने तीन दशकों से अधिक समय में हवाई मार्ग से विदेश यात्रा की थी.

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साउथ कोरियाई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कथित तौर पर किम जोंग उन स्विट्जरलैंड में अपने बोर्डिंग स्कूल के दिनों के दौरान प्लेन से यात्रा करते थे. लेकिन 2011 में पदभार संभालने के बाद से उन्होंने उड़ान भरना लगभग बंद कर दिया. 2018 में आखिरी बार वह तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात के लिए सिंगापुर हवाई जहाज से ही गए थे. 

क्या है किम जोंग उन के ट्रेन की खासियत?
इस ट्रेन को 1949 में किम के दादा किम इल संग को स्टालिन ने गिफ्ट किया था. ये कई डिब्बों वाली इंटर-कनेक्टेड ट्रेन है. ट्रेन गहरे हरे और पीले रंग की इस ट्रेन में कुल 90 बोगियां हैं. ट्रेन में गहरे काले शीशे लगे हैं. ट्रेन में एक कॉन्फ्रेंस रूम भी है, जहां किम जोंग काम कर सकते हैं. इस ट्रेन की रफ़्तार 59 किमी/घंटा है. जब भी किम जोंग नॉर्थ कोरिया या चीन की यात्रा करते हैं, तो उनकी पूरी टीम और सिक्योरिटी इसी ट्रेन में उनके साथ होती है. 

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इमरजेंसी के लिए लगा है सैटेलाइट फोन
इस ट्रेन में रूसी, चीनी, कोरियाई, जापानी और फ्रांस के लज़ीज कुज़ीन(खाना) भी बनाए जा सकते हैं. इस ट्रेन में मनोरंजन के लिए लाइव डांसिंग और सिंगिंग का भी इंतजाम है. किसी इमरजेंसी में हालात को संभालने के लिए इसमें सैटलाइट फोन, टीवी, और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं.

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अमेरिका ने कहा- मीटिंग पर रहेगी नजर
इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ऑफिस क्रेमलिन के प्रवक्ता डिमिट्री पेस्कोव ने कहा है कि पुतिन और किम जोंग उन उन की मुलाकात दोनों देशों के रिश्तों को बेहतर बनाएगी. जबकि, अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उनकी नजर इस मुलाकात पर रहेगी.

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अमेरिका को हथियारों को लेकर बड़ी डील होने का अंदेशा
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मुलाकात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. अमेरिका को अंदेशा है कि रूस और उत्तर कोरिया के बीच हथियारों को लेकर बड़ी डील हो सकती है, जो यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की मदद करेगी. अमेरिका ने कहा कि हम उत्तर कोरिया से अपील करते हैं कि रूस को किसी भी तरह के हथियार न दें. बता दें कि उत्तर कोरिया के पास लाखों में आर्टिलरी शेल और रॉकेट हैं.


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