- रूस को यूक्रेन युद्ध में नॉर्थ कोरिया ने सैनिक और हथियार मुहैया कराकर सक्रिय समर्थन दिया है.
- किम जोंग उन ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में तैनात सैनिकों की बहादुरी और योगदान की प्रशंसा की है.
- रूस और नॉर्थ कोरिया के बीच रक्षा सहयोग बढ़ा है. इसमें पिछले वर्ष पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर शामिल हैं
यूक्रेन के खिलाफ साढ़े तीन साल से जंग लड़ रहे रूस को नॉर्थ कोरिया और उसके सुप्रीम लीडर किम जोंग उन का खूब साथ मिल रहा है. चाहे वो यूक्रेन में जंग लड़ने के लिए नॉर्थ कोरिया के सैनिकों को भेजना हो या चाहे हथियार मुहैया कराना हो. अब किम जोंग उन ने कमांडरों के साथ बैठक के दौरान यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की मदद के लिए तैनात अपने देश के सैनिकों की प्रशंसा की. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार नॉर्थ कोरिया की सरकारी मीडिया ने गुरुवार, 21 अगस्त को इसकी जानकारी दी.
नॉर्थ कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) ने बताया कि किम जोंग ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में लड़ रहे सैन्य अधिकारियों और सैनिकों को "हार्दिक प्रोत्साहन" दिया है. खुफिया एजेंसियों का कहना है कि इस क्षेत्र में नॉर्थ कोरिया ने रूस की मदद के लिए 10,000 से अधिक लड़ाके भेजे हैं.
नॉर्थ कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में अपनी सेना के सदस्यों को संबोधित करते हुए किम ने कहा, "हमारी सेना एक वीर सेना है." उन्होंने कहा, "हमारी सेना अब वही कर रही है जो उसे करना चाहिए और जो करने की जरूरत है. वह भविष्य में भी ऐसा करेगी."
क्या जंग रूकेगी?
किम जोंग की यह टिप्पणी तब आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए अपने अबतक के निरर्थक साबित हुए प्रयासों को तेज कर दिया है. उन्होंने हाल के दिनों में दोनों देशों के नेताओं के साथ हाई-प्रोफाइल बातचीत की है.
पुतिन ने पिछले हफ्ते ही नॉर्थ कोरियाई सैनिकों को "वीर" बताया था. दरअसल रूस और नॉर्थ कोरिया तेजी से अपने रिश्तों को घनिष्ठ बना रहे हैं. इसमें पिछले साल एक पारस्परिक रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करना भी शामिल है जब पुतिन ने नॉर्थ कोरिया का दौरा किया था. इस साल अप्रैल में, नॉर्थ कोरिया ने पहली बार पुष्टि की थी कि उसने यूक्रेन में रूसी सैनिकों के साथ अग्रिम पंक्ति में अपने सैनिकों की एक टुकड़ी तैनात की है. नॉर्थ कोरिया के प्रतिद्वंदी साउथ कोरिया ने कहा है कि रूस के लिए लड़ते हुए लगभग 600 नॉर्थ कोरियाई सैनिक मारे गए हैं और हजारों घायल हुए हैं.