फिर दिखा किम जोंग का ‘मिसाइल प्यार’! चीन पहुंचने के पहले नॉर्थ कोरिया के तानाशाह ने बनाया हथियार वाला प्लान

किम जोंग ने रविवार को एक युद्ध सामग्री बनाने वाली फैक्ट्री का दौरा किया और कहा कि मॉस्को के सहयोगी देश में "मिसाइल उत्पादन क्षमता तेजी से बढ़ी है".

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  • नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने देश की नई मिसाइल उत्पादन लाइन का निरीक्षण किया है.
  • किम जोंग उन ने मिसाइल उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए तीन नई दीर्घकालिक योजनाओं की पुष्टि की है.
  • किम जोंग उन बीजिंग में सैन्य परेड में शामिल होंगे, जहां रूस और चीन के नेता भी मौजूद रहेंगे.
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नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग का मिसाइलों को लेकर प्यार किसी से छिपा नहीं है. अब किम जोंग को एक दो दिन में चीन निकलना हैं जहां वो शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन के साथ चीन के विजय दिवस पर मिलिट्री परेड में शामिल होंगे. लेकिन चीन निकलने से पहले वो रविवार को अपने मिसाइलों को देखने पहुंचे थे. नॉर्थ कोरिया की सरकारी मीडिया ने जानकारी दी कि सुप्रीम लीडर किम जोंग उन ने देश की नई मिसाइल उत्पादन लाइन का निरीक्षण किया.

रिपोर्ट के अनुसार किम जोंग ने रविवार को एक युद्ध सामग्री बनाने वाली फैक्ट्री का दौरा किया और कहा कि मॉस्को के सहयोगी देश में "मिसाइल उत्पादन क्षमता तेजी से बढ़ी है". नॉर्थ कोरिया की आधिकारिक कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने सोमवार को बताया कि अपनी यात्रा के दौरान किम ने "मिसाइल उत्पादन क्षमता से संबंधित तीन नई दीर्घकालिक योजनाओं" की भी पुष्टि की. यानी किम जोंग की तैयारी लंबी है, वो नॉर्थ कोरिया की मिसाइल बनाने की क्षमता को लगातार बढ़ाना चाहते हैं. 

यूक्रेन जंग में रूस को मिली किम जोंग की मदद

साउथ कोरिया और पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों के अनुसार, किम जोंग ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की मदद के लिए अपने हजारों सैनिकों के साथ मिसाइलें और अन्य हथियार भेजे हैं.

वहीं दूसरी तरफ चीन ऐतिहासिक रूप से नॉर्थ कोरिया का सबसे बड़ा राजनयिक, आर्थिक और राजनीतिक समर्थक रहा है. नॉर्थ कोरिया पर तमाम अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे हैं लेकिन चीन उसके लिए दोस्त बना हुआ है.

किम का फैक्ट्री दौरा उनकी बीजिंग यात्रा से पहले हुआ. किम जोंग चीन की राजधानी में एक सैन्य परेड में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित नेताओं के साथ शामिल होंगे. क्यूंगनाम यूनिवर्सिटी में सुदूर पूर्वी अध्ययन संस्थान (Institute for Far Eastern Studies) के प्रोफेसर लिम ईउल-चुल ने एएफपी को बताया, "मिसाइल उत्पादन में प्रगति पर जोर देकर, प्योंगयांग का उद्देश्य वाशिंगटन और सियोल के खिलाफ निवारक शक्ति का प्रदर्शन करना और यह संकेत देना है कि वह अपने पांच साल के मिसाइल उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ट्रैक पर है."

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