जिंदा हूं मैं...पाकिस्तान के लिए भूत बना TTP का खतरनाक शख्‍स, ड्रोन भी जिसे छू नहीं सके 

महसूद जो कि एक मौलवी भी रहा है, उसने टीटीपी के नेतृत्‍व को और मजबूत किया, प्रतिद्वंद्वी कमांडरों को एकजुट किया और इसके मिशन को फिर से जिंदा कर दिया.

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  • पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हाल के दिनों में काबुल पर पाक हवाई हमलों के बाद हिंसक तनाव जारी है
  • तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के नेता नूर वली महसूद ने अपनी मौत की अफवाहों को खारिज करते हुए वीडियो जारी किया.
  • महसूद ने खुद को पाकिस्तान के खैबर कबायली जिले में बताया और अपने समूह के नियंत्रण वाले क्षेत्रों का जिक्र किया.
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काबुल:

पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बीच इन दिनों दशकों का सबसे हिंसक तनाव जारी है. पाकिस्‍तान की तरफ से पहले अफगानिस्‍तान के काबुल को हवाई हमलों में निशाना बनाया गया और फिर तालिबान ने बदला लेने के मकसद से पाक को जवाब दिया. इस पूरे तनाव में जो एक शख्‍स केंद्र में था और जिसके बारे में पाक दावा कर रहा था कि उसकी मौत हो गई है, वह सामने आ गया है. यह शख्‍स है, नूर वली महसूद और यह कोई और नहीं बल्कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान (टीटीपी) का वह लीडर है जिसे अब तक रहस्यमय माना जाता था. 

अफगानिस्‍तान के साथ जंग की वजह 

9 अक्‍टूबर को हुए हमलों पाकिस्‍तान ने दावा किया कि उसने उस बख्तरबंद वाहन को निशाना बनाया है जिसमें महसूद को ले जाया जा रहा था. यह हवाई हमला साल 2022 में अल-कायदा प्रमुख आयमन अल-जवाहिरी पर हुए अमेरिकी ड्रोन हमले के बाद पाकिस्तान का काबुल में पहला हमला था. इस हमले के बाद पाक-अफगान बॉर्डर पर काफी दिनों तक खूनखराबा चला और फिलहाल अस्थायी सीजफायर है. लेकिन गुरुवार को जैसे ही महसूद का एक वीडियो मैसेज सामने आया, इस शांति के खत्‍म होने की सारी आशंकाएं भी मिट गई.  

महसूद ने किया जीत का दावा 

इस वीडियो मैसेज में महसूद न सिर्फ अपने जिंदा होने का सबूत दे रहा है बल्कि जीत का दावा भी कर रहा है. मैसेज में महसूद को एक पहाड़ी से कहते हुए सुना जा सकता है, 'जिहाद देशों को आजादी और गरिमा देता है नहीं तो वो हमेशा के लिए गुलाम बने रहते हैं.' 

इसके साथ ही तालिबान ने भी अप्रत्‍यक्ष तौर पर उसकी मौत को खारिज कर दिया है. नूर वली महसूद ने इसमें यह भी बता दिया है कि वह अभी पाकिस्तान के खैबर कबायली जिले में हैं, जहां उनके ग्रुप का कुकी खेल और कंबर खेल कबीलों के इलाकों पर कंट्रोल है. वीडियो में वह एक पहाड़ी इलाके में दिख रहा है और पास की एक चोटी पर पाकिस्तानी मिलिट्री पोस्ट की तरफ इशारा कर रहा है. 

इस्लामाबाद के लिए सिरदर्द

महसूद की मौजूदगी ने पाकिस्तान के लिए सुरक्षा चुनौती को और बढ़ा दिया है. इस्लामाबाद का आरोप है कि अफगान तालिबान, टीटीपी को शरण दे रहा है. टीटीपी वही आतंकी समूह है जो पाकिस्तान की सीमाओं के अंदर लगभग रोजाना हो रहे हमलों के लिए जिम्मेदार है. वहीं, काबुल का आरोप है कि पाकिस्तान ने इस्लामिक स्टेट (IS) के लड़ाकों को पनाह दी है, जो तालिबान के कट्टर दुश्मन हैं.

रॉयटर्स के अनुसार, महसूद ने साल 2018 में टीटीपी की कमान संभाली थी जब उसके तीन पूर्व नेताओं को अमेरिकी ड्रोन हमलों में मार दिया गया था. तब तक पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाइयों ने टीटीपी को अफगानिस्तान में धकेल दिया था. लेकिन महसूद की अगुवाई में यह समूह फिर से ताकतवर बन गया है. 

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6 सालों से ड्रोन हमलों से बच रहा 

महसूद जो कि एक मौलवी भी रहा है, उसने टीटीपी के नेतृत्‍व को और मजबूत किया, प्रतिद्वंद्वी कमांडरों को एकजुट किया और इसके मिशन को फिर से जिंदा कर दिया. महसूद धर्मशास्त्र और विद्रोह को आपस में जोड़ता है. वह कई किताबें लिख चुका है. इसमें एक 700 पेज का मैनिफेस्टो भी शामिल है. इस्लामाबाद के लिए महसूद उस एक भूत की तरह हैं जो गायब होने से इंकार करता है. पिछले छह सालों में वह ड्रोन और जमीनी हमलों से बचते हुए अफगानिस्‍तान में छिपे ठिकानों से समूह को लीड कर रहा है. 

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