इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध (Israel-Hamas War) खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. हमास के कार्यवाहक गाजा प्रमुख खलील अल-हया ने बुधवार को अल-अक्सा टीवी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि जब तक फिलिस्तीनी के इलाके में युद्ध समाप्त नहीं हो जाता है, तब तक इजरायल के साथ बंधकों के बदले कैदियों की अदला-बदली का कोई समझौता नहीं होगा.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, खलील अल-हया ने अल-अक्सा टीवी को एक इंटरव्यू को दौरान कहा, "युद्ध समाप्त किए बिना कैदियों की अदला-बदली नहीं हो सकती है.
हया ने कहा, "यदि आक्रामकता समाप्त नहीं हुई है तो रेजिस्टेंस और विशेष रूप से हमास कैदियों (बंधकों) को वापस क्यों करेगा?"
नेतन्याहू को ठहराया जिम्मेदार
हया ने कतर और मिस्र के मध्यस्थों के साथ बातचीत में समूह की वार्ता करने वाली टीम का नेतृत्व किया और इसमें प्रगति की कमी के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को जिम्मेदार ठहराया, जो वार्ता के रुकने के लिए इस्लामी समूह को जिम्मेदार मानते हैं.
उन्होंने कहा, "इस फाइल (बातचीत) को पुनर्जीवित करने के लिए कुछ देशों और मध्यस्थों के साथ संपर्क चल रहा है. हम उन प्रयासों को जारी रखने के लिए तैयार हैं, लेकिन आक्रामकता की समाप्ति के लिए कब्जा करने वाले के के पक्ष में वास्तविक इच्छाशक्ति अधिक महत्वपूर्ण है."
उन्होंने कहा, "वास्तविकता साबित करती है कि नेतन्याहू ही वो शख्स हैं जो इसे (बातचीत को) कमजोर करते हैं."
बंधकों का पता लगाने की कोशिश नहीं छोड़ी : नेतन्याहू
गाजा की यात्रा के दौरान मंगलवार को बोलते हुए नेतन्याहू ने कहा कि युद्ध समाप्त होने के बाद हमास फिलिस्तीन क्षेत्र पर शासन नहीं करेगा. वहीं उन्होंने कहा था कि इजरायल ने शेष 101 बंधकों का पता लगाने की कोशिश नहीं छोड़ी है. उन्होंने प्रत्येक की वापसी के लिए 5 मिलियन डॉलर के इनाम देने की भी पेशकश की है.