- हूती विद्रोही अब यमन से बढ़कर पूरी दुनिया की समुद्री सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं.
- 2024 में हूती विद्रोहियों ने 18 अरब रुपये से अधिक की वसूली की है, जिसका उपयोग वे एडवांस हथियार खरीदने में कर रहे हैं.
- इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद हूती विद्रोहियों की भाषा और कोड समझने में असमर्थ है, जिससे वे रणनीतिक रूप से पीछे रह जाते हैं.
अब इजराइल भी डर रहा है और ये डर यमन से उठे हूती विद्रोहियों का है. हूती, जो अब सिर्फ यमन या अरब की नहीं बल्कि पूरी दुनिया की रणनीतिक चिंता बन चुके हैं. टाइम्स ऑफ इजराइल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजराइल ने अब अमेरिका और यूरोप से खुलकर मदद मांगी है. उसका कहना है, 'हूती अब सिर्फ हमारी समस्या नहीं रही, ये पूरी दुनिया की समुद्री सुरक्षा के लिए खतरा बन चुके हैं.' यही वजह है कि इजराइल ने अमेरिका से यहां तक कह दिया है कि अगर तुमने समझौता नहीं तोड़ा, तो नुकसान बहुत बड़ा होगा.
आखिर हूती विद्रोही इतने खतरनाक क्यों हो चुके हैं?
पैसों से भरपूर और वो भी अपने दम पर
ब्रिटिश अख़बार द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, हूती विद्रोहियों ने 2024 में 18 अरब रुपये से ज्यादा की वसूली की. इनका सालाना लक्ष्य 20 अरब है. इस पैसे का इस्तेमाल एडवांस हथियार खरीदने में किया जा रहा है.
खुफिया एजेंसियों के लिए पहेली
इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद हूती लड़ाकों की भाषा और कोड नहीं समझ पा रही है. नतीजन, किसी भी रणनीति से पहले ही वो कई कदम पीछे रह जाते हैं.
खतरनाक मिसाइल और एयर डिफेंस
हूती के पास बैलिस्टिक मिसाइलों का स्टॉक है, और एक मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम भी है. हाल ही में उन्होंने एक कार्गो जहाज को मिसाइल से उड़ा दिया और इजराइल पर तो रोज दो मिसाइलें दागी जा रही हैं.
अमेरिका भी पीछे हट गया
फरवरी में अमेरिका ने हूती के खिलाफ सीधा मोर्चा खोला, लेकिन हूती ने उसके 23 MQ-9 ड्रोन मार गिराए, जिनकी कीमत करीब 60 अरब रुपए थी. आखिरकार, अमेरिका को समझौता करना पड़ा.
अब हूती ने इजराइल को समुंदर में घेर लिया है. पिछले 48 घंटे में दो जहाज़ डुबो चुके हैं, जिनमें से एक कार्गो शिप था, जिसे हूती ने इजराइल समर्थक करार दिया. जवाब में इजराइल ने 60 बम गिराए, लेकिन हूती पर कोई असर नहीं हुआ.
और अब हूती दावा कर रहे हैं कि उन्होंने इजराइल को ‘सी-फ्रंट' पर पूरी तरह ब्लॉक कर दिया है. सवाल सिर्फ इजराइल का नहीं है. सवाल ये है कि अगर हूती इतने ताकतवर हो चुके हैं कि अमेरिका और इजराइल को भी झुका दें तो क्या आने वाले वक्त में ये विद्रोही, पूरी दुनिया की शांति को चुनौती देंगे?