Nepal Protest News: नेपाल में Gen Z ने 2 दिन में पलट दी सरकार, PM ओली ने कुर्सी छोड़ी, देश भी छोड़ेंगे? टॉप अपडेट्स

Nepal Protest: नेपाल में सड़क पर उतरे Gen Z ने सरकार पलट दी है. केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है. कई मंत्रियों ने भी अपने पद छोड़ दिए हैं. जानिए नेपाल में चल क्या रहा है...

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नेपाल में बवाल की 10 बड़ी बातें
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  • नेपाल में प्रधानमंत्री केपी ओली ने विरोध प्रदर्शनों के बीच अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
  • प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन और कई नेताओं के घरों में आगजनी और तोड़फोड़ की, जिससे राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है.
  • हिंसक प्रदर्शन में अब तक 19 युवाओं की मौत हो चुकी है और लगभग चार सौ लोग पुलिस की गोलीबारी में घायल हुए हैं
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Nepal Protest: नेपाली युवकों के गुस्से की आग से नेपाल सुलग उठा है. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने आखिरकार अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. काठमांडू की सड़कों पर आक्रोश इस कदर है कि नेपाल के वित्त मंत्री को प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर दौड़ाकर पीट दिया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.  मंगलवार दोपहर इस गुस्से की जद में नेपाल के संसद भवन से लेकर नेपाली पीएम केपी ओली का आवास भी आ गया है. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उनमें आग लगा दी. स्थिति हाथ से निकलने के बाद पीएम ओली ने भी कुर्सी छोड़ दी. गुस्सा बस सरकार के खिलाफ नहीं है. सभी दल के नेता निशाने पर हैं. उनके घरों में तोड़फोड़ की गई है. ओली से पहले कई दर्जनभर मंत्रियों के इस्तीफे हो चुके थे. सरकार में सहयोगी पार्टियों के कई सांसदों ने भी इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि पीएम ओली नेपाल के आर्मी चीफ को इस्तीफा देकर देश छोड़ सकते हैं. उनके साथ कई मंत्री भी नेपाल से निकल सकते हैं.

नेपाली पीएम ओली के इस्तीफे की चिट्ठी 

नेपाल के पीएम केपी ओली का इस्तीफा

प्रदर्शन में अब तक 19 युवाओं की मौत 

इस हिंसक प्रदर्शन में अब तक 19  युवाओं की मौत हो चुकी है. पुलिस की गोली लगने से करीब 400 प्रदर्शनकारी घायल बताए जा रहे हैं. इस प्रोटेस्ट की खास बात ये है कि इसमें तमाम दलों के नेताओं को टारगेट किया जा रहा है और उनके दफ्तरों पर हमले हो रहे हैं. भारी बवाल के बीच इस्तीफों का दौर भी जारी है. आइए जानते हैं नेपाल में बवाल के अब तक के 10 बड़े अपडेट... 

नेपाल ने सोशल मीडिया बैन और करप्शन को लेकर युवाओं का गुस्सा इस कर फूटा कि उसकी जद में आने से कोई नहीं बच पाया. हर पार्टी को इस आक्रोश का सामना करना पड़ा. नेपाली कांग्रेस के दफ्तर को भी आग के हवाले कर दिया गया. फोटो: AFP

नेताओं के घरों को निशाना बना रहे लोग

नेपाल में प्रदर्शनकारी राजनीतिक दलों के दफ्तरों और नेताओं के घरों को भी निशाना बना रहे हैं. इसे देखते हुए इन दफ्तरों और नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पीएम केपी ओली की पार्टी सीपीएन-यूएमएल और नेपाली कांग्रेस के दफ्तर के बाहर सैकड़ों जवान तैनात किए गए हैं. काठमांडू में एक बार फिर से भीड़ जुट रही है और लगातार हालात बिगड़ रहे हैं. 

इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने 8 सितंबर की शाम सीपीएन-यूएमएल के दफ्तर में आग लगा दी थी. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड, राष्ट्रपति रामचंद्र पोडेल, शेर बहादुर देउबा, गृहमंत्री रमेश लेखक और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घर पर भी तोडफोड़ और आगजनी हुई. कम्युनिस्ट पार्टी अध्यक्ष के घर पर भी जमकर तोड़फोड़ हुई. 

कई मंत्रियों ने दिया इस्तीफा

देश में बिगड़ते हालात और हिंसक प्रदर्शनों के चलते मंत्रियों के इस्तीफे भी सामने आ रहे हैं. गृहमंत्री रमेश लेखक ने घटना के बाद इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद कृषि मंत्री रामनाथ अधिकारी ने भी इस्तीफा दिया. बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और महिला विकास मंत्री नवल किशोर ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया है. अब तक नेपाल सरकार के कई मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. 

नेपाल में पीएम ओली के इस्तीफे के बाद अब अनिश्चितता का माहौल है. प्रदर्शनकारियों की तरफ से अब तक किसी भी नेता के नाम का ऐलान नहीं किया गया है. माना जा रहा है कि नेपाल में एक बार फिर चुनाव कराए जा सकते हैं. नेपाल के आसमान में चॉपर भी उड़ते दिख रहे हैं, बताया जा रहा है कि बड़े नेता और खुद केपी ओली देश छोड़ सकते हैं. 

नेपाल के तमाम सेलिब्रिटीज ने भी प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन दिया है. उनका कहना है कि सरकार को युवाओं की भानवाओं का सम्मान करना चाहिए. इस प्रदर्शन में 20 से 25 साल के युवा सबसे ज्यादा हैं, इसीलिए इसे Gen-Z प्रोटेस्ट कहा जा रहा है.

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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये प्रदर्शन सोशल मीडिया बैन नहीं बल्कि भ्रष्टाचार और नेपोटिज्म के खिलाफ चल रहा है, जब तक केपी ओली इस्तीफा नहीं देते हैं और सरकार नहीं गिर जाती है, तब तक ये प्रदर्शन चलता रहेगा. हालांकि अब पीएम ओली का इस्तीफा हो चुका है. 

अचानक क्यों भड़के युवा?

नेपाल में प्रदर्शन कुछ दिन पहले ही शुरू हो चुके थे, लेकिन सरकार ने इनके सामने झुकने से साफ इनकार कर दिया. इसके बाद प्रदर्शन और उग्र हो गया और संसद भवन की तरफ लोग बढ़ने लगे. कई घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को संसद भवन से बाहर निकाला. हालात बिगड़ते देख सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा और 8 सितंबर की देर रात सोशल मीडिया पर बैन हटाया गया.

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नेपाल के पीएम केपी ओली की तरफ से 9 सितंबर की शाम को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है, इस बैठक के बाद आखिरी फैसला लिया जा सकता है. फिलहाल हालात पुलिस और सेना से भी नहीं संभल रहे हैं और प्रदर्शन लगातार तेज हो रहा है. 

कुछ दिन पहले नेपाल सरकार की तरफ से फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बंद करने का आदेश जारी किया गया था. इन कंपनियों को एक हफ्ते के भीतर रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा गया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जिसके बाद सरकार ने बैन लगाने का कदम उठाया. 

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नेपाल के मामले को लेकर भारत की तरफ से भी आधिकारिक बयान सामने आया. जिसमें भारत ने कहा कि नेपाल के हालात पर भारत की नजर है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रदर्शन में युवाओं की मौत दुखद है. इन मुद्दों को शांतिपूर्ण बातचीत से हल किया जाना चाहिए. 

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