हाय इट्स मी... : NASA के स्पेसक्राफ्ट Voyager 1 ने 15 अरब मील दूर से पृथ्वी पर भेजा सिग्नल

NASA's Voyager 1 spacecraft : नासा ने कहा, "वोयाजर 1 अंतरिक्ष यान अपने ऑनबोर्ड इंजीनियरिंग सिस्टम की स्थिति के बारे में उपयोगी डेटा भेज रहा है. अगला कदम अंतरिक्ष यान को फिर से विज्ञान आधारित डेटा भेजने में सक्षम बनाना है."

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
NASA's Voyager 1 spacecraft : वोयाजर 1 अंतरिक्ष यान को 1977 में लॉन्च किया गया था.
वाशिंगटन, संयुक्त राज्य अमेरिका:

NASA's Voyager 1 spacecraft : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने वोयाजर 1 (Voyager 1) अंतरिक्ष यान पर सोमवार को बड़ी घोषणा की. नासा ने बताया कि वोयाजर 1 अंतरिक्ष यान महीनों बाद उपयोगी जानकारी भेजने लगा है. एएफपी के अनुसार, अंतरिक्ष यान ने 14 नवंबर 2023 को पढ़ने योग्य डेटा पृथ्वी पर भेजना बंद कर दिया था. हालांकि, इसके कंट्रोलर्स यह दावा करते थे कि यान उनके आदेश को प्राप्त कर रहा था.

मार्च में, नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में काम करने वाली टीमों ने पाया कि वोयाजर 1 अंतरिक्ष यान ने एक खराब चिप के कारण डेटा भेजना बंद कर दिया था. इसके बाद टीम ने एक ज्यादा असरदार कोडिंग फिक्स किया, जिसने 46 साल पुराने कंप्यूटर सिस्टम की मेमोरी में आने वाली दिक्कतों को कम कर दिया. 

नासा ने कहा, "वोयाजर 1 अंतरिक्ष यान अपने ऑनबोर्ड इंजीनियरिंग सिस्टम की स्थिति के बारे में उपयोगी डेटा भेज रहा है. अगला कदम अंतरिक्ष यान को फिर से विज्ञान आधारित डेटा भेजने में सक्षम बनाना है." वोयाजर 1 अंतरिक्ष यान को 1977 में लॉन्च किया गया था. वोयाजर 1 2012 में इंटरस्टेलर माध्यम में प्रवेश करने वाला मानव जाति का पहला अंतरिक्ष यान था और वर्तमान में पृथ्वी से 15 अरब मील से अधिक दूर है. पृथ्वी से भेजे गए संदेशों को अंतरिक्ष यान तक पहुंचने में लगभग 22.5 घंटे का समय लगता है.  इसके जुड़वां, वोयाजर 2 ने भी 2018 में सौर मंडल छोड़ दिया.

दोनों वोयाजर अंतरिक्ष यान "गोल्डन रिकॉर्ड्स" ले गए हैं. इनके पास 12 इंच सोने की परत वाली तांबे की डिस्क है, जिसका उद्देश्य हमारी दुनिया की कहानी को अलौकिक लोगों तक पहुंचाना है. इनमें हमारे सौर मंडल का एक नक्शा और यूरेनियम का एक टुकड़ा भी शामिल है, जो रेडियोधर्मी घड़ी के रूप में कार्य करता है और प्राप्तकर्ताओं को अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण की तारीख बताने की अनुमति देता है. प्रसिद्ध खगोलशास्त्री कार्ल सागन की अध्यक्षता वाली एक समिति को नासा से मिले रिकॉर्ड में पृथ्वी पर जीवन की एन्कोडेड इमेजेज के साथ ही संगीत और ध्वनियां मिलीं, जिन्हें स्टाइलस का उपयोग करके बजाया जा सकता है.  2025 के बाद किसी समय उनके पावर बैंक खत्म होने की उम्मीद है. फिर वे संभवतः अनंत काल तक आकाशगंगा में चुपचाप घूमते रहेंगे.

Featured Video Of The Day
Pakistan Flood: पाकिस्तान में बाढ़ से मचा कोहराम, अब तक 340 से ज्यादा लोगों की हुई मौत
Topics mentioned in this article