- म्यांमार की सेना ने थाईलैंड सीमा पर स्थित 150 से अधिक साइबर स्कैम बिल्डिंग्स को ध्वस्त करने का अभियान चलाया.
- केके पार्क इलाके में छापेमारी कर हजारों स्कैमर्स को गिरफ्तार किया गया. सैकड़ों भारतीयों को सुरक्षित लाया गया.
- स्कैम सेंटरों में लग्जरी सुविधाएं उपलब्ध हैं और जहां स्कैमर्स आकर्षक आईटी नौकरियों के झूठे वादों से फंसाते.
म्यांमार की सेना ने कहा है कि थाईलैंड सीमा पर साइबर स्कैम करनेवाली 150 बिल्डिंग्स को ढहाया जा रहा है. पिछले महीने ही सेना ने वहां के कुख्यात केके पार्क इलाके में रेड मारी थी और 2000 स्कैमर्स को पकड़ा था. गौरतलब है कि म्यांमार में बॉर्डर इलाके में स्कैमर्स ने तेजी से पैर फैला लिए हैं. स्कैमर्स यहां पर इस कदर हावी हैं कि यह जगह दक्षिण-पूर्व एशिया में इंटरनेट स्कैम और ह्यूमन ट्रैफिकिंग का केंद्र बन गइ है. आपको बता दें कि म्यांमार के इन स्कैम सेंटर्स में फंसे सैकड़ों भारतीयों को देश लाया जा रहा है. ये लोग उन 1,000 से ज्यादा नागरिकों में शामिल हैं जो म्यांमार की सेना की ओर से छापेमारी के बाद पड़ोसी देश थाईलैंड पहुंच गए थे.
लग्जरीज में रहते स्कैमर्स
द ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार के अनुसार 9 नवंबर यानी रविवार तक यहां पर 101 बिल्डिंग्स को गिराया जा चुका है. जबकि 47 और इमारतों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया जारी है. टारगेटेड बिल्डिंग्स में बेडरूम से लेकर चार मंजिला अस्पताल, कराओके कॉम्प्लेक्स, जिम और स्पा तक सब कुछ शामिल है. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां पर स्कैमर्स को कितनी लग्जरी हासिल थीं. स्कैमर्स और और अवैध गतिविधियों में ज्यादा सैलरी वाले स्कैमर्स को ही इन लग्जरीज का फायदा मिलता था.
आईटी जॉब का झांसा
न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, ये घोटाला केंद्र बॉर्डर के इलाकों पर तेजी से पैर पसार रहे हैं. यहीं से दुनिया भर के अनजान लोगों को रोमांस और कमर्शियल स्कैम्स का निशाना बनाया जाता है. स्कैमर्स को इनसे सालाना अरबों डॉलर तक की कमाई होती है. ये बिल्डिंग्स कामगारों से भरे हुए हैं. कुछ को यहां पर उनकी इच्छा के विरुद्ध तस्करी करके लाया जाता है तो कुछ को आकर्षक आईटी जॉब्स के झूठे वादों का लालच देकर लाया जाता है. इन अड्डो को अक्सर इंटरनेट की दुकानों के तौर पर जाना जाता है. एक बार यहां पहुंचने के बाद फिर बड़े पैमाने पर लोगों को ऑनलाइन स्कैम के लिए मजबूर किया जाता है.
पूरे इलाके में सनसनी
इस अभियान के बाद से पूरे क्षेत्र में सनसनी है. 1,500 लोगों को बॉर्डर पार करके थाईलैंड भागने पर मजबूर होना पड़ा है. छापेमारी शुरू होने के बाद से, म्यांमार और थाईलैंड, दोनों जगहों के स्थानीय लोगों ने रुक-रुक कर धमाकों की आवाजें सुनने की जानकारी दी है. इससे पता चलता है कि बॉर्डर पर मौजूद आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में कितना संघर्ष है. लेकिन यह कार्रवाई सिर्फ स्थानीय मामला हो, ऐसा नहीं है. इन स्कैमर्स ने पड़ोसी चीन और भारत की नाक में दम करके रखा था. इन देशों ने अधिकारियों पर निर्णायक कार्रवाई करने इनके लिए दबाव बढ़ाया है.
चीन ने चलाया कैंपेन
फरवरी 2025 में चीन के नेतृत्व में एक कैंपेन चलाया गया और इसके बाद म्यांमार से करीब 7,000 घोटालेबाज कर्मचारियों को वापस लाया गया. थाईलैंड ने अपनी ओर से स्कैमर्सको नाकाम करने के लिए सीमा पार इंटरनेट नाकाबंदी लागू की लेकिन ऑपरेटरों ने जल्दी ही इसे अपना लिया. एएफपी के अनुसार, थाई वेब कट-ऑफ को दरकिनार करने के लिए स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट रिसीवर बड़े पैमाने पर लगाए गए. इससे स्पेसएक्स को संदिग्ध स्कैम सेंटर्स के करीब 2,500 से ज्यादा टर्मिनर्ल्स के सिग्नल काटने पड़े.
भारत ने किया आगाह
भारतीय अधिकारियों ने जोर देकर कहा है, 'भारतीय पासपोर्ट होल्डर्स के लिए थाईलैंड में वीजा फ्री एंट्री सिर्फ टूरिज्म पर्यटन और छोटी बिजनेस ट्रिप्स के लिए है और इसका रोजगार के लिए दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए.' दूतावास और वाणिज्य दूतावास अभी भी घोटाले के केंद्रों में फंसे और अधिक नागरिकों की रिहाई और वापसी सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. भारतीय अधिकारियों ने नागरिकों को बार-बार धोखाधड़ी वाली नौकरी के प्रस्तावों का शिकार न बनने की चेतावनी दी है. साथ ही उनसे विदेशी रोजगार स्वीकार करने से पहले भर्ती एजेंट्स और इंप्लॉयर्स की साख को वैरीफाई करने का अनुरोध किया है.













