म्यामां के सबसे बड़े शहर यंगून में रातभर इंटरनेट ब्लैकआउट के बाद सोमवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए. AFP के एक फोटोग्राफर ने बताया कि यंगून के सड़कों पर सेना के जवानों को तैनात किया गया है. जानकारी है कि शहर के उत्तरी इलाके में सैकड़ों इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के छात्र सड़कों पर उतर आए और तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन किया.
म्यामां में आंग सान सू की लोकतांत्रिक सरकार का सैन्य तख्तापलट हुए दो हफ्ते हो चुके हैं. विरोध-प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश में म्यामां ने इंटरनेट सर्विसें बंद कर दी थीं. इसके पहले देश के उत्तरी इलाकों में प्रदर्शनकारियों को छितराने के लिए सुरक्षा बलों ने फायरिंग की थी.
आंग सान सू की सत्ता आने के पहले दशकों में तक यहां पर शासन करने वाला जुंटा रूल यहां नागरिक विरोध के कैंपेन को दबाने की कोशिश कर रहा है. यहां प्रदर्शनरकारी आंग सान सू की को दोबारा सत्ता में लाने की मांग कर रहे हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुछ ताजा लाइवस्ट्रीम इमेज आई थीं, जिसमें सेना की गाड़ियों और सैनिकों को देशभर के कई हिस्सों में देखा जा सकता है. इसके बाद ही सोमवार को इंटरनेट शटडाउन किया गया. वहीं यूनाइटेड नेशंस की ओर से एक पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने की मांगें भी उठी हैं.
मॉनिटरिंग ग्रुप NetBlocks ने बताया कि 'सरकार की ओर से इंफॉर्मेशन ब्लैकआउट के आदेश के बाद' लगभग पूरा म्यामां ऑफलाइन हो गया था. उत्तरी शहर Myitkyina में जवानों ने भीड़ पर पहले आंसू गैस के गोले छोड़े. फिर फायरिंग की. यहां लोग इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड को बंद किए जाने की अटकलें सुनकर इसका विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए थे. हालांकि, वहां मौजूद एक पत्रकार का कहना है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि पुलिस ने रबर बुलेट्स का इस्तेमाल किया है या असली बुलेट का.
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