2003 में कुख्यात फ्रांसीसी सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज की हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व वरिष्ठ नेपाली पुलिस अधिकारी ने कहा है कि शोभराज का फ्रांस में त्वरित निर्वासन नेपाल के लिए अच्छा है. शोभराज को नेपाल सरकार ने शुक्रवार को फ्रांस भेज दिया था. भारतीय और वियतनामी माता-पिता के 78 वर्षीय इस सीरियल किलर ने 1970 के दशक में एशिया भर में बैकपैकर्स की हत्याओं के सिलसिले में अपनी अधिकांश सजा काट ली थी.
शोभराज को शुक्रवार सुबह काठमांडू की केंद्रीय जेल से रिहा किया गया और भारी सुरक्षा वाली पुलिस के काफिले में आव्रजन विभाग ले जाया गया. सुप्रीम कोर्ट द्वारा आदेश दिए जाने के दो दिन बाद उनकी रिहाई हुई और उसे अपने गृह देश भेज दिया गया.
काठमांडू कैसीनो से 2003 में शोभराज को गिरफ्तार करने वाले पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) गणेश के सी ने कहा, "नेपाल सरकार द्वारा फ्रांस में शोभराज का त्वरित निर्वासन नेपाल और खुद शोभराज के लिए भी अच्छा था. वह इतनी जल्दी फ्रांस पहुंचकर खुश होंगे.' उन्होंने उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं.
उन्होंने कहा, "मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं. वह अपना पारिवारिक और सामाजिक जीवन खुशहाल तरीके से व्यतीत करें. मैं यह भी कामना करता हूं कि वह आपराधिक गतिविधियों में अपनी पिछली संलिप्तता स्वीकार करते हुए आध्यात्मिक जीवन जिए."
शोभराज के वकील गोपाल शिवकोटि चिंतन ने कहा कि फ्रांसीसी हत्यारे ने अपने निर्वासन से पहले अपने वकीलों के साथ अपनी भविष्य की योजना पर चर्चा नहीं की. उन्होंने कहा, "हम उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में नहीं जानते हैं. उन्होंने हमारे साथ इस बारे में चर्चा नहीं की थी. उन्हें मीडिया में इस तरह उछालते हुए देखना आश्चर्यजनक था, जैसे कि वह सबसे बड़ी हस्ती हो.'
शोभराज ने कतर एयरवेज के विमान में फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफपी से संक्षिप्त बातचीत की. उसने कहा कि वह बहुत अच्छा महसूस कर रहा है. शोभराज ने कतर एयरवेज की फ्लाइट क्यूआर 647 से दोहा के लिए उड़ान भरी और फिर पेरिस के लिए रवाना हो गया. शोभराज ने कहा, "मुझे बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे नेपाल राज्य सहित बहुत से लोगों पर मुकदमा करना है."
लोगों पर मुकदमा चलाने की शोभराज की टिप्पणी का जवाब देते हुए, गणेश ने कहा कि उनकी टिप्पणियों से पता चलता है कि शोभराज ने "अपने पिछले गलत कामों को स्वीकार नहीं किया और झूठा दिखावा कर रहा था कि उसके साथ अन्याय हुआ है." फ्रांसीसी प्रशासित साइगॉन, वियतनाम में, एक भारतीय पिता और एक वियतनामी मां के यहां जन्मे, जिन्होंने बाद में एक फ्रांसीसी व्यक्ति से शादी की, शोभराज को पहली बार 1963 में चोरी के आरोप में पेरिस में जेल हुई थी. उस पर फ्रांस, ग्रीस, तुर्की, ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, भारत, थाईलैंड और मलेशिया जैसे देशों में अपराध करने का आरोप था.