जर्मनी दौरे पर गए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को 'फ्रेंड्स ऑफ मध्यप्रदेश' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश की संस्कृति सबसे अलग और आगे हैं. यहां परेशानी में आनंद लेने का रिवाज है, सबके साथ चलने की परंपरा है, सबको ज्ञान बांटने का मनोबल है. किसी को नुकसान पहुंचाने से बचने की नीयत है. उन्होंने कहा कि जर्मनी भी इसी ज्ञान, संस्कृति, सच्चाई, एक निष्ठता का सारथी है, इसीलिए हमारे विचारों के करीब है.
शुरुआत चक्र से लेकर महाकाल तक से
सीएम मोहन यादव ने सीधे-सीधे कहा कि दोस्तों के बीच कोई बड़ी, मोटी और गहरी बातों की बजाए कुछ सामान्य बातें करना ही उचित होगा. लेकिन बातों का सिलसिला शुरू होते ही उन्होंने महाकाल से लेकर सूर्य तक जिक्र किया. उन्होंने अशोक चक्र से लेकर नक्षत्रों तक को भी अपनी बातों में जोड़ा. सीएम मोहन यादव ने इस बात को रेखांकित किया कि सब कुछ पाना पुरुषार्थ के बस का नहीं है, बल्कि इसके लिए भाग्य भी जरूरी है. इसी तरह भाग्य के भरोसे भी सब कुछ पा लिए जाने की कल्पना नहीं की जा सकती, पुरुषार्थ भी मायने रखता है.
सबसे अलग पहचान हमारे भारत की : डॉ मोहन यादव
फ्रेंड्स ऑफ MP को संबोधित करते हुए सीएम मोहन यादव ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति सबसे अलग और आगे हैं. यहां परेशानी में आनंद लेने का रिवाज है, सबके साथ चलने की परंपरा है, सबको ज्ञान बांटने का मनोबल है. किसी को नुकसान पहुंचाने से बचने की नीयत है. उन्होंने कहा कि जर्मनी भी इसी ज्ञान, संस्कृति, सच्चाई, एक निष्ठता का सारथी है, इसीलिए हमारे विचारों के करीब है.
बता दें फ्रेंड्स ऑफ MP के आयोजन की शुरुआत भारत माता के चित्र पर माला चढ़ाई गई और तिरंगा झंडा भी लहराया गया.
जमकर की जर्मनी की तारीफ
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपनी यूके और जर्मनी यात्रा पर कहा, "मुझे संतुष्टि है कि हमने जो योजना बनाई थी, उसके अनुसार हमें सफलता मिली और मुझे समझने और सीखने का मौका भी मिला. मैं अपने लोगों को इस यात्रा के हर मिनट और हर कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए बधाई देना चाहता हूं. जब हम एकजुटता के साथ अच्छी योजना बनाते हैं, तो परिणाम अच्छे होते हैं...जर्मनी से भी हमें यही मिल रहा है. जर्मनी और भी आगे जा रहा है. मुझे लगता है कि जर्मनी के अंदर एक आंतरिक आग है, जिसके आधार पर हमने उनके देश की भविष्य की चुनौतियों को समझा है जैसे जनसंख्या संकट. कई अन्य चीजों में कई चुनौतियां हैं जो पारंपरिक रूप से जर्मनी को आगे बढ़ाती हैं.
उन्होंने कहा जर्मनी इन चुनौतियों से बाहर निकलकर अपनी तकनीक को दूसरे देशों के साथ साझा करने और उस तकनीक के भरोसे के साथ अपनी भविष्य की यात्रा पूरी करने का रास्ता खोज रहा है. हमें ऐसे कई प्रस्ताव मिले, जिनमें सामान्य मध्य प्रदेश को इस भरोसे के साथ आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है. और हर क्षेत्र में जिसमें हम आगे बढ़ने की सोचते हैं, चाहे वह कृषि हो, हमारा AI हो, स्वास्थ्य हो, शिक्षा हो, नई तकनीक हो, या भारी उद्योग हो, सभी क्षेत्रों में अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है..."
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