अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर में 27 दिन में 3.5 लाख ज्यादा भक्तों ने किए दर्शन, PM मोदी ने किया था इसका उद्घाटन

मंदिर के प्रवक्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “पहले महीने में, लगभग 3,50,000 भक्त और आगंतुक थे, जिनमें से 50,000 प्रत्येक सप्ताहांत (शनिवार-रविवार) आते थे. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सोमवार को मंदिर निजी प्रार्थनाएं आयोजित करता है और आगंतुकों के लिए बंद रहता है, जिसका अर्थ है कि परिसर मार्च में 31 दिनों में से केवल 27 दिनों के लिए आम लोगों के लिये खुला था.”

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जनता के लिए खुलने के एक महीने के भीतर साढ़े तीन लाख से अधिक भक्तों ने अबू धाबी में बने पहले पत्थर निर्मित हिंदू मंदिर में दर्शन किए. मंदिर अधिकारियों की तरफ से यह जानकारी दी गई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा फरवरी में इस मंदिर का उद्घाटन किया गया था. इस प्रतिष्ठित मंदिर को एक मार्च को आगंतुकों के लिए खोला गया था.

मंदिर के प्रवक्ता ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, “पहले महीने में, लगभग 3,50,000 भक्त और आगंतुक थे, जिनमें से 50,000 प्रत्येक सप्ताहांत (शनिवार-रविवार) आते थे. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सोमवार को मंदिर निजी प्रार्थनाएं आयोजित करता है और आगंतुकों के लिए बंद रहता है, जिसका अर्थ है कि परिसर मार्च में 31 दिनों में से केवल 27 दिनों के लिए आम लोगों के लिये खुला था.”

उन्होंने कहा, “मंगलवार से रविवार तक हर शाम, स्वामीनारायण घाट के तट पर शाम साढ़े सात बजे गंगा आरती की जाती है, जो भारत से लाए गए गंगा और यमुना के पवित्र जल का उपयोग करके बनाया गया है.”

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भव्य मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी को एक लोकार्पण समारोह के दौरान किया गया था जिसमें 5,000 से अधिक लोग शामिल हुए थे. मंदिर का निर्माण बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल रहबा के पास अबू मुरीखा में 27 एकड़ में किया गया है.

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राजस्थान से लाई गईं 18 लाख ईंटों और 1.8 लाख घन मीटर बलुआ पत्थर से निर्मित यह अबू धाबी का पहला हिंदू मंदिर है जिसे अयोध्या के राम मंदिर की तरह ही वास्तुकला की नागर शैली में बनाया गया है. बीएपीएस हिंदू मंदिर पूरे खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़ा है. यूएई के दुबई में तीन अन्य हिंदू मंदिर हैं.

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प्रवक्ता ने कहा, “चूंकि मंदिर थोड़ा बाहरी इलाके में और रेगिस्तान के बीच में है, इसलिए आगंतुकों को मंदिर तक आसानी से आने की सुविधा देने के वास्ते सप्ताहांत के लिए शहर से सार्वजनिक बस सेवा शुरू की गई है.” प्रधानमंत्री मोदी की 2015 में खाड़ी देश की दो दिवसीय यात्रा के दौरान, संयुक्त अरब अमीरात ने अबू धाबी में एक मंदिर के निर्माण के लिए भूमि आवंटित की. इस यात्रा का काफी कूटनीतिक महत्व था, क्योंकि इंदिरा गांधी के बाद मोदी 34 वर्षों में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस खाड़ी देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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