अमेरिका में इजरायली दूतावास के कर्मचारियों की हत्या
अमेरिका के वॉशिंगटन में बुधवार रात 9 बजकर 5 मिनट पर कैपिटल यहूदी म्यूजियम के बाहर इजरायली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या (Israeli Embassy Staffe Murder iN us) कर दी गई थी. मतलब साफ है यहां भी धर्म देखकर गोली मारी गई. भारत को पहले ही आतंकवाद के खिलाफ कमर कस चुका है. पहलगाम में भी यही हुआ था. धर्म पूछकर गोली मारी गई. अमेरिका में भी यही हुआ. इससे ये कहना गलत नहीं होगा कि आतंकवाद के खिलाफ दुनिया के एकजुट होने का समय आ गया है. इजरायली पीएम नेतन्याहू इस घटना से बहुत ही गुस्से में हैं. उन्होंने साफ-साफ कह दिया है कि यहूदी विरोधी भावना की कीमत तो चुकानी ही होगी.
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इजरायलियों की हत्या के पीछे क्या मैसेज?
इजरायली कर्मचारियों की हत्या का आरोप 31 साल के इलियास रोड्रिगेज पर लगा है. उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. शिकागो का रहने वाले ये शख्स हिस्ट्री रिसर्चर है. इसने धर्म देखकर दोनों कर्मचारियों यारोन लिशिंस्की और सारा लिन मिलग्रिम को मौत के घाट उतार दिया. ये बात तो किसी से छिपी नहीं है कि इजरायल और गाजा के बीच लड़ाई यहूदी बनाम इस्लाम की है. गिरफ्तारी के समय आरोपी ने फिलिस्तीन को आजाद करो के नारे भी लगाए. ये हत्या ऐसे समय में की गई जब UN ने कुछ समय पहले चेतावनी जारी की थी कि अगर गाजा में मदद नहीं पहुंची तो 48 घंटों में 14 हजार बच्चों की मौत हो सकती है. इसके कुछ ही घंटों बाद ये हमला हो गया.
AFP फोटो.
हत्या का पूरा घटनाक्रम जानें
31 साल का रोड्रिगेज मंगलवार को अपने सामान में कानूनी रूप से खरीदी गई बंदूक के साथ शिकागो से वाशिंगटन पहुंचा. दरअसल अमेरिकी यहूदी समिति ने कैपिटल यहूदी म्यूजियम में एक कार्यक्रम आयोजित किया था. कार्यक्रम के दौरान यंग राजनयिकों का स्वागत समारोह रात 9 बजे तक चला. इस कार्यक्रम का मकसद यहूदी युवा पेशेवरों और डीसी राजनयिक समुदाय को एक साथ लाना था. रात 9 बजकर 8 बजे मेट्रोपॉलिटन पुलिस को संग्रहालय के बाहर गोलीबारी की जानकारी मिली. पुलिस को पता चला कि इजरायली दूतावास के कर्मचारी यारोन लिशिंस्की और सारा लिन मिलग्रिम को गोली मार दी गई है.
पास आया और दाग दीं 21 गोलियां
सर्विलांस चेक किए गए तो पता चला कि दोनों इजरायली कर्मचारी जहां खड़े थे, रोड्रिगेज से मिलते-जुलते कपड़े पहना एक व्यक्ति भी म्यूजियम की उसी तरफ जाता दिखाई दिया. उस समय दोनों कर्मचारी एक क्रॉसवॉक में प्रवेश करने की तैयारी कर रहे थे. संदिग्ध लिशिंस्की और मिलग्रिम के पास से गुजरा और फिर उनकी पीठ पर गई गोलियां दाग दीं. जब दोनों जमीन पर गिर गए तो वह शख्स उनके पास आकर झुका और उन पर फिर से करीब 21 गोलियां चलाईं. इस घटना को अंजाम देने के बाद उसे म्यूजियम के एंट्रेंस गेट में एंटर करते देखा गया.
'फ्री फिलिस्तीन' के लगाए नारे
पुलिस को एक चश्मदीद ने बताया कि उसने आरोपी रोड्रिगेज को कुछ फेंकते हुए देखा था. वहीं पुलिस ने भी उसी इलाके से एक बंदूक बरामद की. हैरानी की बात ये है कि जैसे ही पुलिस वहां पहुंची तो निहत्थे खड़े रोड्रिगेज ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. आरोपी ने पुलिस से कहा कि उसने ये सब फिलिस्तीन और गाजा के लिए किया.गिरफ्तारी किए जाने पर उसने
फिलिस्तीन को आज़ाद करो का नारा भी लगाया.
बता दें कि इजरायली दूतावास के कर्मचारियों लिशिंस्की की मौत रात 9:14 मिनट पर घटनास्थल पर ही हो गई थी. वहीं दूतावास में काम करने वाली अमेरिकी मिलग्रिम को 9 बजकर 35 मिनट पर मृत घोषित कर दिया गया. इन दोनों ही कर्मचारियों की जल्द शादी होने वाली थी.
कैसा था आरोपी का माइंडसेट?
फोरेंसिक जांच में पता चला है कि आरोपी रोड्रिगेज ने 9 मिमी हैंडगन से 21 गोलियां चलाई थीं. इस गन को उसने साल 2020 में इलिनोइस में कानूनी रूप से खरीदा था. आरोपी के माइंडसेट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने वॉशिंगटन में इजरायली दूतावास के बाहर आत्मदाह करने वाले पूर्व अमेरिकी सैनिक आरोन बुशनेल की तारीफ करते हुए उसे शहीद कहा.