- पेरिस के लूव्र म्यूजियम में 19 अक्टूबर को सात मिनट में नकाबपोश चोरों ने अरबों के गहने चोरी किए.
- चोरी गई गहनों की कुल कीमत लगभग 88 मिलियन यूरो या करीब 893 करोड़ भारतीय रुपये बताई गई है.
- चोरों ने अपोलो गैलरी की ग्रिल काटकर 19वीं सदी के राजसी गहनों सहित हजारों हीरे भी चुराए.
फ्रांस की राजधानी पेरिस में पिछले दिनों हुई डकैती ने दुनिया के होश उड़ा दिए हैं. डकैती जिस तरह से हुई, उसके बारे में सुनकर आपको लगेगा कि आप किसी हॉलीवुड या बॉलीवुड फिल्म के सीन के बारे में सुन रहे हैं. दिन के भरे उजाले में और सिर्फ सात मिनट के अंदर कम से कम तीन नकाबपोश चोरों ने 19 अक्टूबर को लूव्र म्यूजियम में धावा बोला और कई अरबों रुपयों के नौ कीमती गहने चुराकर भाग गए. इनमें से एक गहना महारानी यूजिनी का मुकुट तो मिल गया है लेकिन बाकी गहने अभी तक गायब हैं. अब इंटरपोल ने उन 8 गहनों की तस्वीरें जारी की हैं जिन्हें म्यूजियम से चोरी कर लिया गया है.
सिर्फ 7 मिनट में हुई चोरी
फ्रेंच प्रॉसिक्यूटर के अनुसार अनुमानित मूल्य 88 मिलियन यूरो यानी भारतीय रुपयों में 8,939,429,514 रुपये है. इस म्यूजियम से चोरों ने क्वीन मैरी-एमेली और क्वीन हॉरटेंस के कलेक्शन से सैफायर टियारा चुराया है. इसके अलावा 19 अक्टूबर को सिर्फ सात मिनट में अंदर दिन दहाड़े चोरों ने अपोलो गैलरी में रखे महारानी मैरी-लुईस के गहनों के सेट के नेकलेस और इयररिंग्स भी चुरा लिए. लूव्र म्यूजियम से चोरों ने फ्रेंच क्वीन यूजिनी का मोतियों से सजा टियारा भी चुरा लिया. महारानी यूजिनी का ताज म्यूजियम के बाहर उस समय मिला जब चोर भागने की कोशिशें कर रहे थे.
विशेषज्ञों ने कहा अब इनके मिलने की संभावना जीरो !
इंटरपोल ने चोरी पर क्या बताया
इंटरपोल के अनुसार चार चोर अपोलो गैलरी में दाखिल हुए और उन्होंने इसके लिए मैकेनिकल लैडर का प्रयोग किया था. उन्होंने एग्जिबिशन गैलरी ग्रिल को काटा और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी ऐसी ज्वैलरी लेकर भाग गए जो 19वीं सदी की राजशाही से जुड़ी थी. साथ ही हजारों हीरों और बाकी अन्य कीमती रत्नों से सजी हुई हैं. इंटरपोल ने कहा है कि आठ वस्तुएं अब भी गायब हैं. म्यूजियम से ऐतिहासिक राजसी गहने चुराने वाले चोर और फ्रांस की सरकार दोनों ही इस समय इनके लिए परेशान हैं. विशेषज्ञों के अनुसार चोर चोरी किए गए गहनों को बेचने की जल्दी में हैं, जबकि सरकार उन्हें बरामद करने की कोशिश में.
चोरों ने शुरू किया बेचना
फ्रांस के इतिहासकारों की मानें तो राजघरानों के लिए ये सिर्फ सजावट की चीजें नहीं थे. वहीं फ्रांस की जनता के लिए ये देश की सांस्कृतिक धरोहर थे. इनसे देश की संपत्ति, शक्ति और सांस्कृतिक महत्व का पता लगता था. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि जबकि अधिकारी चोरों को पकड़ने और गहनों को बरामद करने की कोशिश कर रहे हैं, चोरों ने अब इसे अलग-अलग करके बेचना शुरू कर दिया होगा. ऐसे में एक सिंगल पीस में किसी भी गहने को पहचाना काफी मुश्किल होगा. एक बार अलग होने के बाद यह पता लगा पाना भी मुश्किल होगा कि ये गहने फ्रेंच ज्वेल्स का हिस्सा हैं या नहीं.