ब्रिटेन की राजनीति में शीर्ष पर पहुंचे ऋषि सुनक ने कई कीर्तिमान स्थापित प्रधानमंत्री बनते ही रच दिए हैं. वह दो शताब्दियों से अधिक समय में सबसे कम उम्र के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री हैं. इसके साथ ही ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री और पहले अरबपति परिवार से संबंध रखने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं. हालांकि, ब्रिटिश राजनीति में पहले अरबपति परिवार वाले प्रधानमंत्री बनने में ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति का योगदान ज्यादा है.
अक्षता की लग्जरी फर्नीचर बाज़ार से लेकर एटन कॉलेज के स्टूडेंट्स के लिए ड्रेस मुहैया कराने वाली कंपनियों में इन्वेस्टमेंट्स हैं. 42 वर्षीय अक्षता भारत में पैदा हुईं थीं और अब भी एक भारतीय नागरिक हैं. ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के एक अनुमान के अनुसार, अक्षता की कुल संपत्ति लगभग 1 बिलियन डॉलर है. यह संपत्ति उनके पिता की कंपनी इंफोसिस की हिस्सेदारी के रूप में है. खास बात यह है कि हाल ही में दिवंगत हुईं ब्रिटेन की महारानी एलीजाबेथ द्वितीय की संपत्ति 400 मिलियन डॉलर ही थी. उन्हीं महारानी के बेटे और ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय ने मंगलवार को औपचारिक रूप से ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री नियुक्त किया.
भारत के बेंगलुरु स्थित कंपनी इंफोसिस के 2001 के बाद से 1500 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है. इंफोसिस के संस्थापक और ऋषि सुनक के ससुर नारायण मूर्ति ने एक ईमेल के जरिए ऋषि सुनक को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी. ईमेल में नारायण मूर्ति ने लिखा कि हमें उन पर गर्व है और हम उनकी सफलता की कामना करते हैं. हमें विश्वास है कि वह यूनाइटेड किंगडम के लोगों के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे.
हालांकि, ऋषि सुनक के लिए ससुराल का भौतिक आशीर्वाद कई बार राजनीतिक सिरदर्द भी साबित हुआ है. इसी साल अप्रैल में अक्षता की नॉन डॉमिसाइल के जरिए कर में छूट लेने पर हंगामा मचा था. नॉन डॉमिसाइल के तहत स्थानीय कर चुकाने पर ब्रिटेन में छूट होती है. इसी को लेकर ऋषि सुनक के विरोधियों ने उन पर खूब राजनीतिक हमले किए. इससे ऋषि सुनक की अप्रुवल रेटिंग में गिरावट देखने को तब मिली थी और अक्षता को अपनी वैश्विक आय पर यूके में करों का भुगतान करने की घोषणा करनी पड़ी.
इस जोड़े की संपत्ति आगे भी सुर्खियों में बने रहने की संभावना है. ऋषि सुनक ब्रिटेन का ऐसे समय में नेतृत्व करने जा रहे हैं, जिसे वे खुद अपने शब्दों में गहन आर्थिक चुनौती वाला बता चुके हैं. हाल यह है कि ब्रिटेन में कई लोगों को अपने राशन की चिंता हो रही है. यह उनके विरोधियों के लिए उन पर हमला करने का सबसे आसान लक्ष्य हो सकता है. हेडगे फंड्स को लेकर भी ऋषि सुनक विरोधियों के निशाने पर आ सकते हैं. हेडगे फंड्स में ऋषि सुनक में काफी दिनों तक काम किया है. अक्षता के भी संबंध दुनिया के कुछ सबसे धनी परिवारों से हैं. यूके के कैटामारन वेंचर्स, कतर के शासक अल-थानी परिवार इनमें शामिल हैं.
आपको बता दें कि ऋषि सुनक और अक्षता मूर्ति की मुलाकात वर्ष 2000 में स्टैनफोर्ड में एमबीए के पढ़ाई के दौरान हुई थी. ऋषि सुनक ने कहा है कि उन्होंने वहां कुछ क्लासेज सिर्फ अक्षता की बगल वाली सीट पर बैठने के लिए लिया था. दोनों ने 2009 की गर्मियों में बेंगलुरु में हजारों लोगों के सामने शादी की थी. वे अभी भी कैलिफोर्निया में एक संपत्ति के मालिक हैं. यह पेंटहाउस समुद्र के ठीक सामने है.
सुनक की ऊंचाई भारत में खूब सुर्खियों बटोर रही है. ऋषि सुनक के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ होते ही कैमरामैनों और पत्रकारों का बड़ा झुंड बेंगलुरु में नारायण मूर्ति के घर के बाहर जमा हो गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर ऋषि सुनक को बधाई दी. ऋषि सुनक को अपने ससुर नारायण मूर्ति के व्यवसायिक दृष्टिकोण से प्रेरणा मिल सकती है.
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