अफगानिस्तान छोड़ने से पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी का आखिरी संदेश, खूनखराबे से बचने के लिए छोड़ा मुल्क

तालिबान ने काबुल में राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया, अशरफ गनी ताजिकिस्तान पहुंचे, कहा- अब से तालिबान अफगानिस्तान के लोगों के "सम्मान, धन और संरक्षण" के लिए जिम्मेदार होगा

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अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी (फाइल फोटो).
दुशांबे (ताजिकिस्तान):

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रविवार को कहा कि उन्होंने "रक्तपात" से बचने के लिए देश छोड़ दिया क्योंकि काबुल तालिबान के हाथों में चला गया है. आतंकवादी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन में घुस गए हैं. अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अपनी पहली टिप्पणी में अशरफ गनी ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि अब से तालिबान अफगानिस्तान के लोगों के "सम्मान, धन और संरक्षण" के लिए जिम्मेदार होगा.

अशरफ गनी ने कहा कि उन्हें "सशस्त्र तालिबान" और "प्रिय देश को छोड़कर जाने, जिसकी मैंने पिछले 20 वर्षों तक रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया" के बीच "कठिन विकल्प" का सामना करना पड़ा.

उन्होंने कहा कि आतंकवादी समूह "तलवार और बंदूकों के दम" पर जीत गया, लेकिन वह अफगानिस्तान के लोगों का दिल नहीं जीत सका. उन्होंने कहा कि "अगर अनियंत्रित छोड़ दिया गया, तो अनगिनत देशभक्त शहीद हो जाएंगे और काबुल शहर तबाह हो जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप छह मिलियन की आबादी वाले शहर में एक बड़ी मानवीय तबाही होगी."

समचार एजेंसी एएनआई ने खबर दी है कि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने और तालिबान के राजधानी में प्रवेश के साथ अफगानिस्तान सरकार पहले ही गिर गई है.

इससे पहले दिन में अफगानिस्तान सुप्रीम नेशनल सुलह परिषद के अध्यक्ष, अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में गनी को अफगानिस्तान के "पूर्व राष्ट्रपति" के रूप में संबोधित किया. अब्दुल्ला ने अफ़गानों से शांत रहने का भी आह्वान किया और कहा, "आशा है कि यह 'कठिन दिन और रात' जल्द ही बीत जाएगा और लोग शांतिपूर्ण दिन देखेंगे."

सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले अफगान प्रेसिडेंशियल पैलेस एआरजी में तालिबान को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए अली अहमद जलाली के साथ नई अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में रविवार को बातचीत हुई.

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तालिबानी आतंकवादियों ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर नियंत्रण कर लिया है और देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी के ताजिकिस्तान भाग जाने के बाद राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है. रिपोर्टों से पता चलता है कि मूवमेंट जल्द ही अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात की पुन: स्थापना की घोषणा करेगा.

इस बीच, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने अब्दुल्ला अब्दुल्ला और मुजाहिदीन के पूर्व नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार के साथ मिलकर अराजकता को रोकने और सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण से संबंधित मामलों का प्रबंधन करने के लिए एक समन्वय परिषद का गठन किया है.

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तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने रविवार को कहा कि तालिबान आतंकवादियों को राजधानी काबुल में प्रवेश करने के लिए कहा गया है. मुजाहिद ने टोलो न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि शहर में सुरक्षा स्थिति नियंत्रण में रहेगी.

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