US में छंटनियों से भारतीय सबसे अधिक प्रभावित, Green Card के 195 साल के इंतज़ार के बीच आई नई मुसीबत

अमेरिका में ट्विटर (Twitter) और मेटा (Meta) जैसी बड़ी टेक कंपनियों से बड़ी संख्या में हुई छंटनियों के बाद H-1B वीज़ा धारकों के लिए कानूनी तौर पर अमेरिका में रहने की समयसीमा खत्म होती जा रही है. उन्हें जल्द से जल्द एक ऐसी नई कंपनी ढूंढनी होगी जो उन्हें नौकरी देकर उनके वीज़ा को स्पॉन्सर कर सके.   

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
अमेरिका में हुई छंटनियों से ऐसे भारतीयों के लिए नई मुसीबत पैदा हो गई है जो सालों से ग्रीन कार्ड के इंतज़ार में हैं

बड़ी संख्या में कर्मचारियों के निकाले जाने के कारण अमेरिका (US) में अस्थाई वीज़ा पर रह रहे कर्मचारियों के लिए दूसरी नौकरी ढूंढ़ने के लिए बेहद कम समय रह गया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अगर वो इसमें सफल नहीं होते हैं तो उन्हें देश छोड़कर जाना होगा. कई लोगों का कहना है कि उन्हें स्पॉन्सर करने वाली कंपनियों से सही मार्गदर्शन भी नहीं मिल रहा है. टेक इंडस्ट्री लंबे समय तक अपने कर्मचारियों की ज़रूरत पूरी करने के लिए कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग क्षेत्र के विशेषज्ञों के लिए H-1B वीज़ा कार्यक्रम पर निर्भर रही है.

ब्लूमबर्ग ने अमेरिकी नागरिका और इमीग्रेशन सर्विस के आंकड़ों के आधार पर आंकलन किया है कि, अमेज़न, लिफ्ट, मेटा, सेल्सफोर्स, स्ट्राइप और ट्विटर ने पिछले तीन सालों में कम से कम  45,000 H-1B कर्मचारियों को स्पॉन्सर किया है.  मेटा और ट्विटर के कर्मचारियों द्वारा कंपाइल की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, इन दो कंपनियों में हुई ताजा छंटनियों में कम से कम 350 प्रवासी प्रभावित हुए हैं.  

 H-1B धारक अमेरिका में कानूनी तौर पर केवल 60 दिन तक बेरोज़गार रह सकता है. कई   H-1B वीज़ा धारक अमेरिका में कई सालों से स्थाई नागरिकता के इंतजार में रह रहे हैं. अब वो नए प्रतिस्पर्धात्मक लेबर मार्केट में, बाकी निकाले गए हजारों कर्मचारियों के साथ नौकरी ढूंढ रहे हैं.  कुछ के पास कर्ज है, स्टूडेंट लोन है और कुछ के बच्चे स्कूल में हैं.  

यह ऐसे समय हुआ है जब नौकरी देने वाली बड़ी कंपनियों ने नए कर्मचारियों की भर्ती बंद कर रखी है और अब हॉलीडे के सीज़न में नई भर्तियां भी धीमी हो जाती हैं.  

नौकरी ढूंढने वाले अब बेबसी में अपने प्रोफेशनल नेटवर्क की ओर रुख कर रहे हैं और कुछ ने लिंक्डइन पर अपील की है. 

अमेरिका में ट्विटर (Twitter) और मेटा (Meta) जैसी बड़ी टेक कंपनियों से बड़ी संख्या में हुई छंटनियों के बाद H-1B वीज़ा धारकों के लिए कानूनी तौर पर अमेरिका में रहने की समयसीमा खत्म होती जा रही है. उन्हें जल्द से जल्द एक ऐसी नई कंपनी ढूंढनी होगी जो उन्हें नौकरी देकर उनके वीज़ा को स्पॉन्सर कर सके.

अमेरिकी ग्रीन कार्ड (Green Card)  के लिए 195 साल के इंतजार की लंबी कतार के बीच इन छंटनियों से सबसे अधिक भारतीय प्रभावित हुए हैं जो कई सालों से अमेरिका में रह रहे हैं.  
 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Mitali Raj On World Cup Win: Mithali Raj ने बताई Team India के जीतने की सबसे बड़ी वजह | IND vs SA
Topics mentioned in this article