कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो कई बार विवादों में घिरे रहे हैं...
वर्ष 2015 के नवंबर माह से कनाडा के प्रधानमंत्री पद पर विराजमान जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने कनाडाई संसद में भारतीय एजेंसियों पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की जून में हुई हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया, जिसके बाद भारत सरकार ने आरोप को सिरे से खारिज कर इसे 'बेतुका' करार दिया. यह पहला मौका नहीं है, जब कनाडाई प्रधानमंत्री विवादों में घिरे हों, तो आइए, पढ़ते हैं ऐसे कुछ मौकों के बारे में, जब जस्टिन ट्रूडो के बयानों और कामों की वजह से विवाद पैदा हुए हों.
- जब महिला सांसद की छाती में जा लगी थी ट्रूडो की कोहनी : समाचार एजेंसी Reuters के मुताबिक, यह घटना 'एल्बोगेट' (ElbowGate) के नाम से मशहूर हुई थी. वर्ष 2016 के मई माह में कनाडाई संसद के हाउस ऑफ़ कॉमन्स में एक वक्त जस्टिन ट्रूडो को लगा कि विपक्षी सांसद कामकाज रोकने की रणनीति अपना रहे हैं, सो, वह एक सांसद को रोकने के लिए सदन में चलते चले गए, लेकिन उसी दौरान गलती से उनकी कोहनी एक महिला सांसद की छाती में जा लगी. इस घटना के लिए उन्होंने बार-बार क्षमायाचना भी की और यह भी कहा कि ऐसी गलती दोबारा कभी नहीं होगी. उन्होंने कहा था - मैं भी इंसान हूं, और बहुत दबाव में रहने वाला काम मेरे जिम्मे है, इसलिए गलती हो गई.
- जब भारत यात्रा के दौरान जस्टिन की पोशाकों की हुई थी आलोचना : वर्ष 2018 की शुरुआत में, यानी फरवरी में जस्टिन ट्रूडो अपने परिवार सहित भारत की आठ-दिवसीय यात्रा पर आए थे. उस दौरान भारतीय अधिकारियों से मुलाकात के दौरान भी जस्टिन ने रंग-बिरंगी पोशाकें पहनी थीं, और उन औपचारिक मुलाकातों के अलावा भी समूचे ट्रूडो परिवार ने रंगीन परिधान ही पहने थे, जिनकी सोशल मीडिया पर भरपूर आलोचना हुई थी. इसी यात्रा के दौरान नई दिल्ली में जस्टिन ट्रूडो के स्वागत के लिए आयोजित कार्यक्रम में जसपाल अटवाल को आमंत्रित किया गया था, जो 1986 में कनाडा यात्रा पर गए भारतीय राजनेता की हत्या के प्रयास का दोषी करार दिया गया था. इस निमंत्रण को लेकर भी कनाडाई शिष्टमंडल को कई तरह के सवालों का सामना करना पड़ा था.
- रईस मित्र के रिसॉर्ट में मनाई थीं छुट्टियां : कनाडा में हर हरकत और कामकाज पर नज़र रखने वाले शीर्ष वॉचडॉग इन्डिपेन्डेन्ट एथिक्स कमिश्नर (Independent Ethics Commissioner) कार्यालय ने ट्रूडो को दिसंबर, 2017 में टोका था, और बताया था कि प्रधानमंत्री ने 2016 में आगा खान के प्राइवेट द्वीप पर छुट्टियां बिताने जाकर 'कॉन्फ़्लिक्ट ऑफ़ इन्टरेस्ट' के नियमों का उल्लंघन किया है. गौरतलब है कि उन दिनों आगा खान के फाउंडेशन को औपचारिक रूप से ट्रूडो और उनके अधिकारियों का साथ देने के लिए रजिस्टर किया गया था. इसके बाद ट्रूडो ने वादा किया था कि आइंदा वह अपनी छुट्टियों के लिए वॉचडॉग से मंज़ूरी लिया करेंगे.
- गरीब मूल निवासी महिला पर किया था कटाक्ष : कनाडा में हाशिये पर पहुंच चुके गरीब मूल निवासियों की मदद को प्राथमिकता बताने वाले जस्टिन ट्रूडो को वर्ष 2019 के मार्च माह में एक मूल निवासी पर कटाक्ष करने के लिए क्षमायाचना करनी पड़ी थी. दरअसल, लिबरल पार्टी के फंडरेज़िंग कार्यक्रम में गरीबी और खराब परिस्थितियों के खिलाफ आवाज़ उठाई थी, और महिला को समारोह स्थल से निकाले जाते समय ट्रूडो ने कटाक्ष किया था, "आपके दान का शुक्रिया..."
- वॉचडॉग ने कंपनी को मुकदमे से बचाने में मदद का लगाया था आरोप : इन्डिपेन्डेन्ट एथिक्स कमिश्नर (Independent Ethics Commissioner) कार्यालय ने अगस्त, 2019 में दावा किया था कि जस्टिन ट्रूडो की टीम ने एथिक्स, यानी नैतिकता के नियमों का उल्लंघन किया है. वॉचडॉग के मुताबिक, PM और उनके अधिकरियों ने 2018 में संघीय अभियोजकों के उस फैसले को नकारने की कोशिश की थी, जिसमें कन्स्ट्रक्शन कंपनी SNC-Lavalin Group Inc के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप में मुकदमा चलाने का आदेश दिया गया था. प्रधानमंत्री ट्रूडो ने उस वक्त इसकी ज़िम्मेदारी स्वीकार की थी, लेकिन माफी मांगने से यह कहते हुए इंकार कर दिया था कि वह रोज़गार बचा रहे थे. इस घटना के बाद जस्टिन ट्रूडो कनाडा के एकमात्र ऐसे प्रधानमंत्री बन गए, जिन्हें औपचारिक रूप से नैतिकता नियम तोड़ने का दोषी पाया गया.
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