- नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी बनाने वाले प्लांट का दौरा किया
- नॉर्थ कोरिया नए प्रकार के गुप्त पानी के अंदर चलने वाले हथियारों पर रिसर्च कर रहा है और किम ने उसका अपडेट लिया
- किम ने पूर्वी सागर में लंबी दूरी की एंटी-एयर मिसाइलों के सफल परीक्षण का निरीक्षण किया जिनकी ऊंचाई 200 किमी थी
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग उन को हथियारों और न्यूक्लियर इनर्जी के किसी भी तरह के इस्तेमाल का शौक है और यह बात पूरी दुनिया जानती है. अब उन्होंने इन दोनों शौक को एक बार फिर आपस में मिला दिया है और ऐसी पनडुब्बी बना रहे हैं जो न्यूक्लियर इनर्जी से चलेगी. नॉर्थ कोरिया की सरकारी मीडिया ने गुरुवार, 25 दिसंबर को कहा कि किम जोंग उन ने उस प्लांट का दौरा किया जहां परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी बन रही है. उन्होंने "नए प्रकार" के एंटी-एयर मिसाइलों के टेस्ट लॉन्च का भी निरीक्षण किया, जो कथित तौर पर अंतरिक्ष तक पहुंचीं. इतना ही नहीं नॉर्थ कोरिया पानी के अंदर चलाए जाने वाले नए तरह के गुप्त हथियारों पर भी रिसर्च कर रहा है और किम जोंग ने उसपर भी अपडेट लिया है. तानाशाह के इस दौरे की तस्वीरें भी जारी की गई हैं.
सरकारी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) की रिपोर्ट के अनुसार किम जोंग ने न्यूक्लियर सब प्लांट का यह दौरा बुधवार को किया. अपनी यात्रा के दौरान, किम ने साउथ कोरिया की आलोचना की जो अमेरिका के साथ मिलकर अपनी खुद की न्यूक्लियर इनर्जी से चलने वाली पनडुब्बी बनाने की कोशिश कर रहा है. किम जोंग ने इसे "खतरा... जिसका मुकाबला किया जाना चाहिए" कहा. कमाल की बात है कि किम जोंग खुद ऐसी पनडुब्बी बनाते हुए साउथ कोरिया की आलोचना कर रहे थे.
नॉर्थ कोरिया "पानी के नीचे नए गुप्त हथियारों" पर कर रहा रिसर्च
केवल कुछ ही देशों के पास न्यूक्लियर इनर्जी से चलने वाली पनडुब्बियां हैं. अमेरिका अपनी तकनीक को सबसे संवेदनशील और कड़ी सुरक्षा वाले सैन्य रहस्यों में से एक मानता है. पिछले महीने, अमेरिका-साउथ कोरिया समझौते पर नॉर्थ कोरिया ने अपनी पहली टिप्पणियों में कहा था कि यह "टकराव का खतरनाक प्रयास" है और इससे "परमाणु डोमिनोज़ घटना" हो सकती है. यानी डोमिनोज़ घटना यानी एक कुचक्र.
केसीएनए ने अधिक डिटेल्स दिए बिना कहा, किम जोंग ने "पानी के नीचे नए गुप्त हथियारों" पर चल रहे रिसर्च के बारे में भी जानकारी ली और "नौसेना बलों को पुनर्गठित करने और नई इकाइयों की स्थापना के लिए एक रणनीतिक योजना को स्पष्ट किया."
एक अलग रिपोर्ट में, केसीएनए ने कहा कि किम ने बुधवार को पूर्वी सागर, जिसे जापान सागर भी कहा जाता है, के ऊपर "नए प्रकार की उच्च ऊंचाई वाली लंबी दूरी की एंटी-एयर मिसाइलों" के परीक्षण का निरीक्षण किया. केसीएनए ने कहा, "लॉन्च की गई मिसाइलों ने 200 किमी की ऊंचाई पर नकली लक्ष्यों पर सटीक हमला किया." अगर यह बात सही है तो किम जोंग की मिसाइलें अंतरिक्ष तक पहुंची होंगी.













