ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने अचानक बेटे को अपना उत्तराधिकारी चुन पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है. खामेनेई ने बेटे मोजतबा को अपनी गद्दी सौंपी है, लेकिन सवाल उठ रहा है क्यों? कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि खामेनेई की तबीयत ठीक नहीं है, वो कोमा में हैं. इसलिए खामेनेई के बेटे मोजतबा को ईरान के सुप्रीम लीडर की कमान सौंपी गई है. मोजतबा अपने पिता के जिंदा रहते ही पद संभाल सकते हैं.
हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मीडिया की खबरों को गलत बताते हुए 85 साल के अयातुल्ला अली खामेनेई ने लेबनान में इस्लामी गणतंत्र ईरान के राजदूत अमानी से मुलाकात का एक फोटो शेयर किया है. इस फोटो में वह एकदम स्वस्थ नजर आ रहे हैं.
बीमार चल रहे हैं. वह एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. इसलिए उन्होंने जिंदा रहते हुए अपना उत्तराधिकारी चुन लिया है. मोजतबा अली खामेनेई के दूसरे बेटे हैं.
कौन है मोजतबा?
मोजतबा खामेनेई ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई के दूसरे और छोटे बेटे हैं. वह 1987 से 1988 तक ईरान-इराक युद्ध में भाग ले चुके हैं. मोजतबा का जन्म 1969 में मशहद में हुआ था. उन्होंने ग्रैजुएशन के बाद धर्मशास्त्र का अध्ययन किया. इसके बाद 1999 में मौलवी बनने के लिए कोम में पढ़ाई की. वह अपने पिता की तरह की इस्लामिक मामलों के जानकार हैं. 2009 में ईरान में जारी विरोध प्रदर्शनों को सख्ती से कुचलने की वजह से वह पहली बार चर्चा में आए थे. इस प्रदर्शन में कई लोग मारे गए थे. हाल ही में, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोजतबा खामेनेई को ईरान का अगला सुप्रीम लीडर चुना गया है. यह खबर काफी चर्चा में है और इसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं.
कैसे चुने गए मोजतबा...
मोजतबा का चुनाव बेहद गुप्त तरीके से किया गया, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान के विशेषज्ञों की सभा के 60 सदस्यों ने अली खामेनेई की मांग पर एक बैठक बुलाई थी. इस बैठक में सदस्यों को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि आखिर मुद्दा क्या है. बैठक में पहुंचने के बाद सदस्यों से गोपनीयता के तहत तुरंत उत्तराधिकार पर फैसला करने का निर्देश दिया गया. सदस्यों को बैठक को गोपनीय रखने की चेतावनी दी गई थी. इसलिए अभी तक ये खबर बाहर नहीं आ पाई थी.