अफगानिस्तान (Afghanistan) में सुरक्षाबलों और तालिबान के बीच संघर्ष जारी है. तालिबान लगातार अफगान के कई क्षेत्रों पर कब्जा जमाता जा रहा है. तालिबान (Taliban) ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के दूसरे सबसे बड़े शहर कांधार (Kandahar) पर कब्जा करने का दावा किया. तालिबान के इस ऐलान के बाद अफगान सरकार के हाथ में राजधानी काबुल और कुछ अन्य क्षेत्र की बचे रहेंगे. तालिबानी और अफगान फौज की जंग में आम आदमी पिस रहे हैं.
अफगान सुरक्षा बलों के एक वरिष्ठ सूत्र ने विद्रोहियों के दावे की पुष्टि करते हुए शुक्रवार को एएफपी को बताया कि तालिबान ने प्रमुख शहर लश्कर गाह पर कब्जा जमा लिया है.
तालिबान के एक प्रवक्ता ने ट्वीट में कहा, "कांधार को पूरी तरह से जीत लिया गया है. मुजाहिदीन शहर के शहीद चौक पर पहुंच गए हैं." एक स्थानीय नागरिक ने भी तालिबान के इस दावे का समर्थन किया, उसने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि ऐसा लगता है कि सरकारी फौज शहर के बाहर स्थित एक सैन्य सुविधा से पीछे हट गई है.
बता दें कि इससे पहले, गुरुवार को तालिबान ने अफगान के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर भी कब्जा जमा लिया था. तालिबान के हमलों के बीच अफगान सुरक्षाबलों को हेरात को छोड़ना पड़ा है. तालिबान ने एक सप्ताह के भीतर आधे से अधिक अफगान पर कब्जा कर लिया है. सरकार ने अधिकांश उत्तर, दक्षिण और पश्चिम अफगानिस्तान को प्रभावी रूप से खो दिया है.
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इस बीच, अमेरिका अफगानिस्तान में अस्थायी तौर पर करीब 3000 सैनिकों को भेज रहा है. ये सैनिक किसी लड़ाई में हिस्सा नहीं लेंगे बल्कि ये काबुल से अमेरिकी राजनयिकों और उसके सहयोगियों को सुरक्षित बाहर निकालने के मकसद से किया जा रहा है. ये काबुल के करजई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तैनात होंगे. अमेरिका में काबुल के अपने दूतावास में राजनयिकों की तादाद और घटाने का फैसला किया है.
वीडियो: क्या शांति समझौते तक पहुंचेगा तालिबान?