- कैलिफोर्निया में हुए जानलेवा सड़क हादसे में भारतीय मूल के जशनप्रीत सिंह नशे में नहीं थे, जांच में पुष्टि
 - जशनप्रीत सिंह पर लापरवाही से ट्रक चलाने के कारण तीन लोगों की मौत और कई घायल होने का आरोप है
 - हादसे का वीडियो जशनप्रीत के ट्रक के डैशकैम में रिकॉर्ड हुआ था, जिसमें ट्रक एक SUV से टकराता दिख रहा है
 
अमेरिका के कैलिफोर्निया में पिछले महीने हुए जानलेवा सड़क हादसे के मामले में नयी जानकारी सामने आई है. अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि भारतीय मूल का ट्रक चालक हादसे के वक्त नशे में नहीं था, जैसा कि शुरुआती रिपोर्टों में कहा गया था. हालांकि, अब भी लापरवाही से हत्या का मामला दर्ज है. दरअसल युबा सिटी निवासी 21 वर्षीय जशनप्रीत सिंह को 21 अक्टूबर को ‘नशे की हालत में गाड़ी चलाने' के संदेह में गिरफ्तार किया गया था. उस पर आरोप है कि उसके लापरवाही से ट्रक चलाने के कारण हुई दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए.
पिछले हफ्ते दर्ज की गई नयी शिकायत में कहा गया है कि जांच रिपोर्ट के अनुसार, जशनप्रीत सिंह के खून में किसी भी तरह का नशीला पदार्थ नहीं पाया गया. सैन बर्नार्डिनो काउंटी जिला अटॉर्नी कार्यालय ने बयान जारी कर कहा, “हालांकि, मामला अब भी लापरवाही से हत्या का ही रहेगा.”
आखिर उस दिन हुआ क्या था?
तब आरोप लगाया गया था कि जशनप्रीत ने नशे के हालत में सदर्न कैलिफोर्निया के सैन बर्नार्डिनो काउंटी फ्रीवे पर धीमी गति से चल रहे यातायात में अपनी सेमी ट्रक को भिड़ा दिया. उसे गाड़ी से कुचलकर हत्या के गंभीर आरोप में गिरफ्तार किया है. इस दुर्घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. हालांकि अब नशे में होने की बात गलत निकली है.
इस खौफनाक दुर्घटना का मंजर जशनप्रीत सिंह के ट्रक में लगे कैमरे (डैशकैम) में कैद हो गया है. दिख रहा है कि कैसे यह बड़ी सी ट्रक एक SUV से टकरा गई, जिसमें कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. घायलों में खुद जशनप्रीत सिंह और एक मैकेनिक शामिल था, जो किसी गाड़ी के टायर को बदलने में सहायता कर रहा था.
जशनप्रीत सिंह कथित तौर पर 2022 में दक्षिणी सीमा को अवैध रूप से पार करके अमेरिका में घुसा था. मार्च 2022 में कैलिफोर्निया के एल सेंट्रो सेक्टर में सीमा गश्ती एजेंटों ने उसे पकड़ा था. लेकिन उस समय के बाइडेन प्रशासन कि उस नीति के तहत उसे छोड़ दिया गया था जिसके अनुसार अवैध अप्रवासियों को सुनवाई खत्म होने तक रिहा कर दिया जाता था.














