जापान, हॉन्ग कॉन्ग, ऑस्ट्रेलिया... शेयर बाजार में जारी है कोहराम

चीन के शंघाई कम्पोजिट सूचकांक में भी 4.21 प्रतिशत यानी 140.84 अंकों की गिरावट आई, और यह 3,201.17 पर आ गया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

विश्व बाजार में उथल-पुथल का दौर जारी है. अमेरिका की तरफ से लगाए गए टैरिफ के बाद चीन ने भी कड़े जवाबी शुल्क लगाए हैं. यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हाल ही में लागू की गई व्यापक व्यापार नीतियों के जवाब में उठाया गया. दुनिया भर में जारी टैरिफ वार के बीच हॉन्ग कॉन्ग के हैंग सेंग सूचकांक में 9.28 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई, जो 2,119.76 अंकों की कमी के साथ 20,730.05 पर बंद हुआ. इस बीच, चीन के शंघाई कम्पोजिट सूचकांक में भी 4.21 प्रतिशत यानी 140.84 अंकों की गिरावट आई, और यह 3,201.17 पर आ गया. इस घटनाक्रम ने जापान, हॉन्ग कॉन्ग और ऑस्ट्रेलिया सहित एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारी नुकसान देखने को मिला. 

टैरिफ से परेशान हैं दुनिया भर के निवेशक
हॉन्ग कॉन्ग, जो पहले से ही आर्थिक अनिश्चितता से जूझ रहा है, इस ताजा झटके से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. विश्लेषकों का कहना है कि चीन और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव आने वाले दिनों में ग्लोबल सप्लाई चेन और व्यापारिक रिश्तों पर गहरा असर डाल सकता है. ट्रम्प प्रशासन ने पिछले सप्ताह चीनी आयात पर भारी शुल्क लगाने की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देना और व्यापार घाटे को कम करना था. जवाब में, बीजिंग ने अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी शुल्क लागू करने की घोषणा की, जिसमें कृषि उत्पादों से लेकर तकनीकी उपकरण शामिल हैं.

इस तनाव का असर केवल हॉन्ग कॉन्ग और चीन तक सीमित नहीं रहा. जापान का निक्केई सूचकांक भी दिन के कारोबार में 5 प्रतिशत से अधिक नीचे गिर गया. ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स 200 भी 3.8 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ, जो खनन और ऊर्जा क्षेत्रों पर निर्भर इस अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका है. 

IMF ने पहले ही दी थी चेतावनी
हॉन्ग कॉन्ग में कारोबारियों का कहना है कि यह गिरावट पिछले कुछ वर्षों में सबसे खराब हालत है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह व्यापार युद्ध लंबा खिंचता है, तो इसका असर उपभोक्ता कीमतों, रोजगार और वैश्विक आर्थिक विकास पर पड़ सकता है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पहले ही चेतावनी दी थी कि संरक्षणवादी नीतियां वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल सकती हैं. सोमवार की घटनाओं ने इन आशंकाओं को और बल दिया. निवेशक अब बुधवार को होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक पर नजरें गड़ाए हुए हैं, जहां ब्याज दरों पर फैसला लिया जाएगा.

फिलहाल, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के शेयर बाजारों में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. हॉन्ग कॉन्ग से लेकर टोक्यो और सिडनी तक, निवेशकों में डर का माहौल है. क्या यह संकट थमेगा या और गहराएगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा. लेकिन एक बात तय है- वैश्विक अर्थव्यवस्था एक बार फिर बड़े बदलाव के मुहाने पर खड़ी है.

Featured Video Of The Day
UP Crime News: लॉ एंड ऑर्डर..योगी लाउड एंड क्लीयर, अपराधी बोले- 'तौबा-तौबा'! | NDTV India | CM Yogi
Topics mentioned in this article