- विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मलेशिया में आसियान सम्मेलन के दौरान अमेरिकी टैरिफ नीति पर गंभीर चिंता जताई.
- जयशंकर ने कहा कि ऊर्जा व्यापार तेजी से सीमित हो रहा है, जिससे वैश्विक बाजार में असंतुलन पैदा हो रहा है.
- उन्होंने चीन के प्राकृतिक संसाधनों पर बढ़ती प्रतिस्पर्धा और सप्लाई चेन की विश्वसनीयता पर भी चिंता व्यक्त की.
सोमवार को मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से मुलाकात की. इस मुलाकात के कुछ ही घंटों बाद जयशंकर ने ट्रंप प्रशासन पर तंज कसा. जयशंकर ने कहा कि एनर्जी ट्रेड 'तेजी से सीमित' होता जा रहा है. जयशंकर ने कहा कि 'सिद्धांतों को अपनी पसंद के मुताबिक लागू किया जाता है'. आपको बता दें कि जयशंकर आसियान सम्मेलन के लिए मलेशिया गए हैं. जयशंकर और रूबियो की मीटिंग हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से दी गई नई टैरिफ धमकी के बाद हुई है.
एनर्जी ट्रेड हो रहा सीमित
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'एनर्जी ट्रेड तेजी से सीमित हो रहा है जिससे बाजार में असंतुलन पैदा हो रहा है. सिद्धांतों को अपनी पसंद से लागू किया जा रहा है और जो बातें सिखाई जाती हैं वो खुद भी अपनाई जाएं, ऐसा शायद जरूरी नहीं है.' आसियान सम्मेलन में जयशंकर की यह टिप्पणी अमेरिका की तरफ से भारत पर लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ से जुड़ी थी. अमेरिका ने अतिरिक्त टैरिफ रूस से तेल खरीदने के चलते भारत पर थोपा है. यह टैरिफ पहले से ही 25 प्रतिशत वस्तुओं पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ के अतिरिक्त है. गौरतलब है कि अमेरिका ने यूरोप और चीन पर ऐसे टैरिफ नहीं लगाए हैं जबकि वो भी रूस से ऊर्जा खरीद रहे हैं.
चीन-पाकिस्तान का जिक्र
जयशंकर ने चीन की तरफ से नैचुरल रिसोर्सेज को लेकर उठाए जा रहे कदमों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कहा, 'हम बेहद ही मुश्किल समय में मिल रहे हैं. सप्लाई चेन्स की विश्वसनीयता और बाजारों तक पहुंच को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट अब बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो गया है. साथ ही प्राकृतिक संसाधनों की होड़ इससे भी ज्यादा तेज हो चुकी है.' उन्होंने आगे कहा, 'बदलाव का अपना ही एक स्वभाव होता है और दुनिया नई परिस्थितियों के अनुसार प्रतिक्रिया देती है. नए एडजस्टमेंट्स होंगे, नए समीकरण बनेंगे, नए समझौते होंगे और ज्यादा फ्लेक्सिबल सॉल्यूशंस सामने आएंगे.'
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र
पाकिस्तान का नाम लिए बिना, जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले और भारत के ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'आतंकवाद एक लगातार और विनाशकारी खतरा बना हुआ है. दुनिया को इस पर जीरो टॉलरेंस दिखानी चाहिए. किसी भी तरह की दोहरी नीति की कोई गुंजाइश नहीं है. आतंकवाद के खिलाफ हमारे आत्मरक्षा के अधिकार से कभी समझौता नहीं किया जा सकता.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से जयशंकर ने आसियान शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया.














