Jack Ma दिखे यूरोप में, चीनी कैद से निकलने के लिए चुकाई है ये बड़ी कीमत : रिपोर्ट

जैक मा (Jack Ma) को चीनी सरकार (Chinese Government) के दबाव में अपने व्यापारिक साम्राज्य से पीछे हटना पड़ा. जैक मा की कंपनी अलीबाबा (Alibaba) चीन (China) में इतनी बड़ी हो गई थी कि उन्हें चीन के सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक माना जाता था. चीन में रेगुलेटर्स ने साल 2020 में उनके एंट ग्रुप (Ant Group) की बड़ी पब्लिक ऑफरिंग (IPO) को आखिरी समय पर रोक दिया था.

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China के अरबपति कारोबारी Jack Ma ने की थी कम्युनिस्ट पार्टी की आलोचना (File Photo)

चीन (China) के अरबपति कारोबारी जैक मा (Jack Ma) लगभग दो साल तक सार्वजनिक जीवन से दूर रहने के बाद यूरोप (Europe) की कई हफ्तों की यात्रा पर हैं.  ब्लूमबर्ग के अनुसार, इससे संकेत मिलता है कि चीन की सरकार का दबाव जैक मा (Jack Ma) से कम हुआ है.  एक समय दुनिया में तेजी से बढ़ रही कंपनी अलीबाबा (Alibaba) के जैक मा को-फाउंडर हैं. लेकिन उन्हें चीनी सरकार के दबाव में अपने व्यापारिक साम्राज्य से पीछे हटना पड़ा. जैक मा की कंपनी अलीबाबा चीन में इतनी बड़ी हो गई थी कि उन्हें चीन के सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक माना जाता था.     
 ब्लूमबर्ग और स्थानीय मीडिया के अनुसार,  "57 साल के जैक मा ऑस्ट्रिया के एक रेस्त्रां में दिखाई दिए और उन्होंने सतत पोषणीय खेती के बारे में सीखने के लिए नीदरलैंड की एक यूनिवर्सिटी का दौरा किया. साथ ही उन्होंने स्पेन के द्वीप मैलोर्का में अपनी यॉट खड़ी की." 

साल 2020 में उन्होंने अपनी बड़ी फिनटेक कंपनी एंट ग्रुप (Ant Group Co) पर सख़्ती करने के लिए कम्युनिस्ट पार्टी की अधिकारियों की खुली आलोचना की थी. उसके बाद हालांकि यह चीन के बाहर जैक मा की पहली ट्रिप नहीं है. यह उन दिनों से बहुत अलग है जब अरपति को सरकार यह सलाह दे रही थी कि वो देश से बाहर ना जाएं. निवेशक भी उनकी कंपनी को लेकर कई शंकाएं जता रहे थे.

अलीबाबा के शेयर में करीब 26 बिलियन का नुकसान हुआ था जब चीन के सरकारी मीडिया में यह खबर आई थी कि अधिकारियों ने मा उप नाम के व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन बाद में सूचना मिली कि यह रिपोर्ट किसी और के बारे में थी.  

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सरकारी कैद से निकलने के लिए मानी कई शर्तें 

जैक मा को सरकारी कैद से निकलने के लिए कई शर्तों का पालन करना पड़ा है. चीन में रेगुलेटर्स ने साल 2020 में एंट ग्रुप के बड़े पब्लिक ऑफरिंग को आखिरी समय पर रोक दिया था. कंपनी को कड़े सरकारी नियंत्रण के अनुसार काम करने के लिए अपने काम करने के तरीके में कई फेर बदल करने पड़े. शुरुआती सालों में डिजिटल पेमेंट मार्केट में एंट को इतनी सफलता मिली थी कि इससे सरकारी बैंकों के दबदबे को खतरा हो गया था.  

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एंट ने नियामकों को मौखिक तौर पर यह भी संकेत दिया था कि मा कंपनी का नियंत्रण किसी और को दे सकते हैं. इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि इनमें से एक प्रस्ताव यह है कि जैक मा अपने शेयर कंपनी के बड़े अधिकारियों को दे देंगे ताकि उसे एक कमिटी देखती रहे.   

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इस हफ्ते की गई फाइलिंग में अलीबाबा ने दोहराया कि मा एंट ग्रुप में समय के साथ अपना प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आर्थिक हित कम करेंगे और फिर सीमित कर देंगे उस स्तर तक जो 8.8 % से अधिक नहीं होगा. फिलहाल जैक मा एंट(Ant)ग्रुप में 50.52 % वोटिंग अधिकार रखते हैं. 

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एंट ग्रुप अलीबाबा से एक जटिल ट्रांज़ेक्शन में अलग हुआ था ताकि चीन के रेगुलेटर्स के साथ विरोध कम किया जा सके. जैक  मा के फैसले को अब राष्ट्रपति शी चिनफिंग की साझा उन्नती के विज़न की लाइन में आने की तरह देखा जा रहा है. जैक मा की कंपनियां चीन के निगरानीकर्ताओं की मांगें पूरी करनी की कोशिश कर रही हैं जिन्होंने इस टेकनॉलजी फर्म के "बेकाबू विस्तार" को कम करने की ठान ली थी. 
 

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