इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी इन दिनों चीन दौरे (Italy PM Beijing Visit) पर हैं. इस बीच सवाल ये उठ रहा है कि मेलोनी आखिर चीन में कर क्या रही हैं. शी जिनपिंग से उनकी मुलाकात की चर्चा काफी हो रही है. दरअसल बीजिंग पहुंचीं मेलोनी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Meloni Jinping Meeting) के साथ एक अहम बैठक भी की, जिसमें यूक्रेन में युद्ध और मध्य पूर्व में संकट पर चर्चा हुई, ये जानकारी मेलोनी के कार्यालय की तरफ से दी गई. उन्होंने इस दौरान बढ़ती वैश्विक असुरक्षा से निपटने में एक भागीदार के रूप में चीन के महत्व पर जोर दिया.
मेलोनी के बीजिंग दौरे को इटली और चीन के संबंधों को फिर से पटरी पर लाने से जोड़कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि मेलोनी दोनों देशों के रिश्ते एक बार फिर से मजबूत करने की कोशिश में जुटी हैं. मेलोनी के कार्यालय ने कहा, "दोनों नेताओं ने यूक्रेन में युद्ध से लेकर मध्य पूर्व में स्थिति के और बढ़ने के जोखिमों तक अंतरराष्ट्रीय एजेंडे में प्राथमिकता वाले मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने इंडो-पैसिफिक में बढ़ते तनाव पर भी चर्चा की."
चीन दौरे पर क्यों पहुंचीं इटली की पीएम मेलोनी?
दरअसल मेलोनी पिछले साल इटली का चीन की प्रमुख बेल्ट और रोड पहल से बाहर निकलने के बाद और पश्चिम और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बीच बिगड़ते व्यापार संबंधों के बीच बीजिंग संग अपने देश के आर्थिक संबंधों को फिर से शुरू करने की कोशिश में जुटी हुई हैं.
बीजिंग के डियाओयुताई स्टेट गेस्ट हाउस में बातचीत के दौरान मेलोनी ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असुरक्षा बढ़ रही है, मुझे लगता है कि इन सभी से निपटने के लिए चीन से बात करना बहुत जरूरी है." मेलोनी ने बीजिंग की ओर झुकाव के बजाय व्यापार को और ज्यादा समान स्तर पर लाने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इटली यूरोपीय संघ के साथ संबंधों में भी अहम भूमिका निभा सकता है. यहां भी बैलेंस्ड व्यापार संबंध बनाने की कोशिश की जा सकती है."
यूरोपीय संघ की ट्रेड पॉलिसी इस चिंता से ज्यादा सुरक्षात्मक हो गई है कि चीन का प्रोडक्शन केंद्रित विकास मॉडल में सस्ते सामानों की बाढ़ आ सकती है, क्योंकि चीनी कंपनियां कमजोर घरेलू मांग के बीच निर्यात बढ़ाने पर विचार कर रही हैं. EU ने इस महीने इस बात की भी पुष्टि की कि वह चीन में बने इलेक्ट्रिक वाहनों के इंपोर्ट पर 37.6% तक शुरुआती टैरिफ लगाएगा, जिससे बीजिंग के साथ तनाव बढ़ सकता है.
इटली के लिए चीन का महत्व
इटली चीन के लिए रणनीतिक रूप से अहम है. वह पहले भी बीजिंग के साथ झगड़े में पड़ चुका है. वह गुट के भीतर एक उदारवादी आवाज साबित हो सकता है. इटली साल 2019 में, शी की बेल्ट एंड रोड इंफ्रास्ट्रक्चर पहल में शामिल होने वाला सात औद्योगिक लोकतंत्रों के समूह का एकमात्र सदस्य था, जिसे प्राचीन सिल्क रोड व्यापार मार्ग को फिर से बनाने के रूप में बिल किया गया था. इटली ने अमेरिका दे दबाव में पिछले साल बुनियादी ढांचा निवेश योजना छोड़ दी, जिसके बाद भी रोम ने इस बात का संके दिया कि वह अभी भी एशियाई दिग्गज के साथ मजबूत व्यापार संबंध बनाने का इच्छुक है. उसने रविवार को तीन साल की कार्य योजना पर हस्ताक्षर किए.
मेलोनी-जिनपिंग के बीच क्या बातचीत
चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग ने अपनी बैठक की शुरुआत में मेलोनी से कहा, "दोनों पक्षों को आपसी विकास के लिए अहम अवसरों का सामना करना पड़ रहा है. "चीन और इटली को सिल्क रोड की भावना को बरकरार रखना चाहिए, ताकि इसके जरिए नए युग में पूर्व और पश्चिम के बीच कम्युनिकेशन का ब्रिज फिर से स्थापित हो सके."