ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉर्रिसन (Scott Morrison) ने भारत से अपने वतन लौटने की कोशिश करने वाले ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों पर रोक लगाने और जेल की सजा तथा जुर्माने का प्रावधान करने वाले फैसले का सोमवार को बचाव करते हुए कहा कि यह फैसला देश के ‘सर्वोत्तम हित' में है और यह कोरोना वायरस (Coronavirus) की तीसरी लहर को रोकेगा. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इतिहास में पहली बार, अपने उन नागरिकों के देश लौटने पर हाल में रोक लगा दी है जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया वापस आने से पहले भारत (India) में 14 दिन बिताए हैं.
सरकार ने धमकी दी है कि ऐसे लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा और पांच साल तक की जेल की सज़ा या 66,000 ऑट्रेलियाई डॉलर का जुर्माना लगाया जाएगा. मॉर्रिसन ने कहा कि यह एक अस्थायी व्यवस्था है और बहुत मुश्किल फैसला है. उन्होंने कहा, “यह व्यवस्था इसलिए की गई है ताकि हमारे यहां ऑस्ट्रेलिया में (कोविड-19) की तीसरी लहर ना आए और हमारी पृथक-वास व्यवस्था मजबूत बनी रहे.” उन्होंने कहा कि यह देश के ‘सर्वोत्तम हित' में है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें भारतीय समुदाय के लिए खराब महसूस होता है. मॉर्रिसन ने कहा, “हमने हमारे होवर्ड स्प्रींग्स केंद्र में भारत से वापस आने वालों में संक्रमण दर में सात गुना का इजाफा देखा है.” उन्होंने कहा, “ यह अहम है कि हम सुनिश्चित करें कि हमारे यहां अस्थायी रोक हो ताकि उन पृथक केंद्रों में व्यवस्थाओं को मजबूत किया जा सके और जांच की व्यवस्था को भी मजबूत किया जा सके और यह न सिर्फ भारत से रवाना होते हुए हो, बल्कि तीसरे देश से आने वाले लोगों के लिए भी हो.”
प्रधानमंत्री ने 2 जीबी रेडियो चैनल से कहा कि वे विशेष उड़ानों के जरिए पंजीकृत कराए गए करीब 20,000 लोगों को वापस देश लेकर आए हैं. विपक्ष के नेता एंथोनी अल्बानी ने ऑस्ट्रेलिया के लोगों को भारत में छोड़ने और वापस आने पर जुर्माने तथा जेल की सज़ा देने के लिए प्रधानमंत्री की आलोचना की है.
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