रमजान से पहले यरूशलम की अल अक्सा मस्जिद को लेकर बढ़ सकता है तनाव, जानें क्या है वजह

इजरायल के कट्टर-दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्विर ने तर्क दिया कि कब्जे वाले वेस्ट बैंक के फिलिस्तीनी निवासियों को रमज़ान के दौरान प्रार्थना करने के लिए यरूशलम में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा था कि फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए अल-अक्सा मस्जिद में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध हो.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
मक्का और मदीना के बाद अल अक्सा मस्जिद इस्लाम में तीसरी सबसे पाक जगह मानी जाती है.
गाजा:

इजरायल और फिलिस्तीनी (Israel-Gaza War) संगठन हमास (Hamas) के बीच 7 अक्टूबर 2023 से जंग चल रही है. जंग के बीच इजरायल ने 10 मार्च से शुरू हो रहे रमज़ान (Ramadan)के दौरान यरूशलम के अल-अक्सा मस्जिद (Jerusalem's Al-Aqsa Mosque)में फिलीस्तिनियों को कुछ पाबंदियों के साथ नमाज़ अदा करने की परमिशन दी है. जिसे लेकर तनाव बढ़ने की आशंका है. इजरायल के इस कदम पर धार्मिक विशेषज्ञ और फिलिस्तीनी राजनेताओं का कहना है कि इजरायल जानबूझ कर फिलिस्तीनियों को उकसाना चाहता है. 

इजरायल के कब्जे वाले पुराने शहर यरूशलम की अल अक्सा मस्जिद मुसलमानों के लिए दुनिया के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. मक्का और मदीना के बाद अल अक्सा मस्जिद इस्लाम में तीसरी सबसे पाक जगह मानी जाती है. इसे यहूदी टेंपल माउंट के नाम से जानते हैं. 

पिछले हफ्ते, इजरायल के कट्टर-दक्षिणपंथी राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्विर ने तर्क दिया कि कब्जे वाले वेस्ट बैंक के फिलिस्तीनी निवासियों को रमज़ान के दौरान प्रार्थना करने के लिए यरूशलम में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा था कि फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए अल-अक्सा मस्जिद में प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध हो. हालांकि, वेस्ट बैंक के नागरिकों को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक, एंट्री को लेकर यह लिमिट उम्र और लिंग जैसे मानदंडों पर आधारित होगी. जिसे आने वाले कुछ दिनों में तय किया जाएगा. 

2000 में इजरायल के तत्कालीन विपक्षी नेता एरियल शेरोन की यात्रा के दौरान यहां दंगे भड़के थे. मई 2021 में भी यहां पर विवाद हुआ था और 11 दिन के बाद जाकर स्थिति सामान्‍य हो सकी थी. उस समय इजरायल और हमास के बीच युद्ध सी स्थिति थी. हमास को इजरायल ने आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है.

अक्सर देखा जाता है कि रमजान महीने के दौरान ही इस स्थान के हालात में बदलाव आते हैं. यही वजह है कि इस बार इजरायली सरकार ने मस्जिद में प्रवेश पर रोक लगा दिया है. 

'द टाइम्स ऑफ इजरायल' की रिपोर्ट में बताया गया है कि बेन ग्विर की मांग पर बाइडेन प्रशासन ने अपनी चिंता जाहिर की है. बाइडेन प्रशासन का कहना है कि मंत्री रमजान के महीने में होली साइट में तनाव पैदा कर सकते हैं और ये कदम मध्यपूर्व में बढ़ते गुस्से को और भड़का सकता है.

ये भी पढ़ें:-

"हमास से छुड़ाए गए बंधक हमारे साथ सुरक्षित और स्वस्थ": इजरायल सेना ने दो बंधकों को कराया रिहा

Israel-Hamas War: इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम की कोशिश में जुटा जॉर्डन, बाइडेन का भी मिला साथ

ईरानी हैकर्स ने UAE, UK, Canada में चलाई फेक AI न्यूज! इस टेक दिग्गज ने किया खुलासा

Featured Video Of The Day
Diabetes: क्या जीवनशैली में बदलाव से बचा जा सकता है डायबिटीज से? | NDTV India