Israel-Lebanon War : दुनिया के कई इलाके भीषण युद्धों से जूझ रहे हैं. युद्ध हर गुजरते वक्त के साथ कई जिंदगियों को मौत के मुंह में धकेल देता है. इजरायल और लेबनान के बीच छिड़े संघर्ष की कहानी भी इससे अलग नहीं है. इजरायल ने एक अक्टूबर को लेबनान में सीमित ग्राउंड ऑपरेशन शुरू किया था. इसके साथ ही हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर उसकी एयर स्ट्राइक भी लगातार जारी है. हालांकि भीषण धमाकों से चौंधिया जाने वाली आंखों के सामने अब बेहद सुकून देने वाली शांति समझौते की किरण नजर आ रही है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो इजरायल और लेबनान के बीच जल्द ही सीजफायर (Israel-Lebanon Ceasefire) का ऐलान हो जाएगा और कुछ दिनों के लिए ही सही यह जंग रुक जाएगी.
इजरायल की कैबिनेट युद्धविराम समझौते पर विचार के लिए आज एक बैठक करने जा रही है. टाइम्स ऑफ इजरायल ने एक मंत्री के कार्यालय का हवाला देते हुए बताया कि इजरायली कैबिनेट तेल अवीव में मंगलार को इजरायल डिफेंस फोर्सेज के किर्या मुख्यालय में युद्धविराम समझौते पर चर्चा के लिए बैठक करेगी.
समझौते के पारित होने की जताई उम्मीद
सीएनएन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि यह बैठक इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के योजना को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी देने के बाद हो रही है. नेतन्याहू ने रविवार रात को इजरायल के अधिकारियों के साथ सुरक्षा को लेकर बातचीत के दौरान हिज्बुल्लाह के साथ युद्धविराम के लिए अपनी संभावित मंजूरी का संकेत दिया था.
नेतन्याहू के प्रवक्ता ने कहा कि इजरायल की कैबिनेट प्रस्तावित समझौते को लेकर मतदान करेगी और इसके पारित होने की उम्मीद है.
कुछ बातों को लेकर इजरायल को आपत्ति
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल को इस समझौते की कुछ बातों पर अभी भी आपत्ति है. अभी भी बातचीत चल रही है. सूत्रों ने इस बात पर जोर दिया कि समझौता तब तक नहीं होगा जब तक की सभी मुद्दे हल नहीं हो जाते हैं.
सीएनएन ने इस वार्ता से परिचित सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि वार्ता समझौते की ओर सकारात्मक रूप से आगे बढ़ती दिख रही है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि चूंकि इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच गोलीबारी जारी है, एक भी गलत कदम वार्ता को प्रभावित कर सकता है.
समझौते का विरोध करने वाले भी कम नहीं
हालांकि इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्विर ने इस समझौते का विरोध किया है. साथ ही इसे "बड़ी गलती" और "हिज्बुल्लाह को खत्म करने का ऐतिहासिक अवसर चूकना" बताया है. बेन ग्विर ने गाजा में इजरायल और हमास के बीच संभावित युद्धविराम समझौते को नाकाम करने के लिए भी लंबे समय से काम किया है.
क्या होगा युद्धविराम समझौते के तहत?
अमेरिका की समाचार वेबसाइट एक्सियोस ने पहले बताया था कि दोनों समझौते के करीब थे, जिसमें 60 दिनों की अवधि शामिल होगी. समझौते के तहत इजरायल की सेना पीछे हट जाएगी और लेबनान की सेना सीमा के पास फिर से तैनात हो जाएगी. वहीं ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह अपने भारी हथियारों को लितानी नदी के उत्तर से वापस हटा लेगा.
एक्सियोस के अनुसार, समझौते के मसौदे में निगरानी के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाली समिति की स्थापना का भी प्रावधान है, साथ ही अमेरिकी आश्वासन भी है कि यदि लेबनान की सेना ऐसा नहीं करती है तो इजरायल ऐसे खतरों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है.