इजरायल की दहशत से पूरा शहर सुनसान, 7 लाख लोग घर छोड़कर भागे...पढ़िए बेरूत से NDTV के रिपोर्टर की डायरी

बेरूत के आसपास बसे कई शहरों में अभी भी ऐसे लोगों की संख्या मौजूद है जो हिजबुल्लाह का समर्थन करते दिख जाते हैं. उनका मानना है कि हिजबुल्लाह ही इजरायल को करारा जवाब दे सकता है.

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इजरायल के हमले में बेरूत में और बुरे हुए हालात, एनडीटीवी ने बताया आंखोंदेखा हाल

नई दिल्ली:

इजरायल इन दिनों एक साथ कई मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है. इन्हीं में से एक मोर्चे पर उसका सीधा मुकाबला लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के साथ है. इजरायल बीते कई दिनों से हिजबुल्लाह के कई ठिकानों पर लगातार हमले भी कर रहा है. इन हमलों में हिजबुल्लाह प्रमुख समेत उसके कई कमांडर ढेर किए जा चुके हैं. इजरायल लेबनान के जिन शहरों को फिलहाल सबसे ज्यादा निशाना बना रहा है वो है बेरूत. इजरायल के पीएम ने भी कुछ दिन पहले लेबनान को चेतावनी दी है. इजरायल के पीएम ने लेबनान की सरकार से कहा है कि अगर वह आम लोगों की सलामती चाहता है तो हिजबुल्लाह को अपने देश से बाहर का रास्ता दिखा दे. बेरूत और आसपास के इलाकों में इजरायल के हमलों से हालात बहुत खराब हो चुके हैं. एनडीटीवी के संवाददाता मोहम्मद गजाली भी इन दिनों बेरूत में हैं और इजरायल और लेबनान के बीच चल रहे इस युद्ध को कवर कर रहे हैं. मोहम्मद गजाली ने गुरुवार को बेरूत से एक ऑडियो मैसेज के जरिए हमे ये बताने की कोशिश की कि अब वहां मौजूदा हालात कैसे हैं. 

एक साथ 7 लाख लोगों ने खाली किया इलाका

मोहम्मद गजाली ने बताया कि बेरूत और आसपास के शहरों में इजरायल के हमले जारी है. लेबनान का एक ऐसा ही शहर है दाहिये. ये एक पहाड़ी इलाका है जहां कुछ समय पहले तक सात लाख लोग रहते थे. लेकिन अब ये पूरा शहर पूरी तरह से खाली हो चुका है. इजरायल के बढ़ते हमले को देखते हुए सभी लोगों ने इस शहर को छोड़ दिया है. 

शहरों पर तय समय में हमला कर रहा है इजरायल

दक्षिणी लेबनान के कई शहरों पर भी इजरायल लगातार हमला कर रहा है. लेकिन इन शहरों पर होने वाली बमबारी को देखकर लगता है कि हमलों के लिए एक पैटर्न सेट किया गया है. अगर इन हमलों की टाइमिंग पर गौर किया जाए तो पता चलता है कि इजरायल दक्षिणी लेबनान के कुछ शहरों पर सुबह और कुछ पर शाम  को ही हमले कर रहा है. यानी इजरायल ने ये तय कर लिया है कि किन शहरों को सुबह हिट करना है और किन शहरों पर शाम के समय मिसाइलें दागनीं हैं. बीते कुछ दिनों से इन शहरों पर तय समय पर ही हमले हो रहे हैं.

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हिजबुल्लाह के समर्थन में अभी भी खड़े हैं आम नागरिक

मोहम्मद गजाली के अनुसार दक्षिणी लेबनान के शहरों में हिजबुल्लाह को लेकर दो तरह की राय रखने वाले लोग मिले हैं. इन लोगों का पहला गुट तो वो जो ये मानकर चल रहा है कि इजरायल के इन हमलों के बाद अब हिजबुल्लाह के आतंकी यहां से भाग जाएंगे. जबकि जो दूसरा गुट है वो अभी भी हिजबुल्लाह के साथ खड़ा दिखता है. उनका मानना है कि हिजबुल्लाह भले कुछ दिनों के लिए चुप है लेकिन वो इजरायल को जवाब देने की ताकत रखता है. 

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जमीनी रास्ते की जगह पानी के रास्ते से हमले की तैयारी में इजरायल

इजरायल ने जब दक्षिणी लेबनान पर हमला किया था तो इस हमले के कुछ दिन बाद ही उसकी सेना ने एक छोटा ही सही लेकिन जमीनी ऑपरेशन भी लेबनान में किया था. उस समय ऐसा कहा जा रहा था कि इजरायल किसी भी समय लेबनान में कोई बड़ा जमीनी ऑपरेशन कर सकता है. लेकिन सच्चा ई ये है कि इजरायल अब जमीन के रास्ते से नहीं बल्कि पानी के रास्ते में लेबनान को घेरने की तैयारी में दिख रहा है. कहा जा रहा है कि वह समुद्र या नदी के रास्ते से हमला बोल सकता है. 

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जमीनी लड़ाई में ज्यादा शक्तिशाली है हिजबुल्लाह

इजरायल जहां हवाई हमलों में हिजबुल्लाह से ज्यादा ताकतवर है वहीं कहा जा रहा है कि अगर इजरायल ने जमीनी लड़ाई शुरू की तो उसे हिजबुल्लाह बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है. इसके पीछे तर्क ये दिया जा रहा है कि हिजबुल्लाह ने लेबनान में कई बड़े सुरंग बनाए हुए हैं जिनकी जानकारी इजरायल के पास पुख्ता तौर पर नहीं है. ऐसे में अगर इजरायल की सेना जमीन के रास्त से लेबनान में घुसती है तो उसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है. 

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समुद्र में उतरने से डर रहे हैं मछुआरे

दक्षिणी लेबनान में रहने वाले मछुआरे भी अब समुद्र में उतरने से डर रहे हैं. उनके अंदर डर है कि कहीं ऐसा ना हो कि वो समुद्र में जाएं और उसी वक्त इजरायल की तरह से हमला बोल दिया जाए. आपको बता दें कि इजरायल ने कुछ दिन पहले समुद्र के रास्ते से भी लेबनान में हमले की चेतावनी जारी की थी. ऐसे में लेबनान के मछुआरे अपनी नाव लेकर समुद्र में जाने से बच रहे हैं. 
 

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