हिज्बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह की मौत के बाद कुद्स फोर्स के एक कमांडर इस्माइल कानी को लेकर दुनिया भर में कई तरह की चर्चाएं हैं. कहा जा रहा है कि कानी इजरायल का जासूस है. लेकिन अब भारत में ईरान के दूतावास ने इस खबर का खंडन किया है. दूतावास ने कहा कि मीडिया में छप रही ये फर्जी खबर है. हम इस आरोप का दृढ़ता से खंडन करते हैं कि इस्माइल क़ानी एक मोसाद एजेंट है. हम ये भी बताना चाहेंगे कि आईआरजीसी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि लड़ाई में उनके योगदान के लिए उन्हें सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई शीर्ष सैन्य पदक भी देंगे.
दरअसल हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद से कानी सार्वजिक रूप से सामने नहीं आया है, वो लापता है. ऐसे में संदेह जताया जा रहा था कि क्या ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड कुद्स फोर्स (Quds Force) का कमांडर इस्माइल कानी इजरायल का जासूस है? कानी को 27 सितंबर के बाद से नहीं देखा गया है.
27 सितंबर के दिन ही इजरायल ने जबरदस्त एयर स्ट्राइक किया था, जिसमें हिज़्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह मारा गया था.
इसके बाद इसको लेकर कई चौंकाने वाली खबरें सामने आने लगीं. मिडिल ईस्ट की मीडिया के मुताबिक कानी से किसी गुप्त जगह पर पूछताछ हो रही है. पता लगाया जा रहा है कि इजरायल को खबर देने वाला वो कौन है? इजरायल को टॉप हिज़्बुल्लाह लीडरों और कमांडरों की मीटिंग की जगह तथा वक्त के बारे में जानकारी कैसे मिली? ईरान इन सब बातों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है.
हालांकि ताजा खबरों के मुताबिक ये भी कहा गया कि पूछताछ के वक्त कानी को दिल का दौरा भी पड़ा. बताया ये भी जा रहा है कि उनसे, उनके चीफ ऑफ स्टाफ एहसान शफीकी और इजरायल से उनकी संभवतः बातचीत के बारे में पूछा गया. वहीं ये भी कहा जा रहा है कि अब कानी से पूछताछ करने वाले अधिकारी को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.