गाजा पट्टी में बंधक बनाए गए लोगों के रिश्तेदारों ने बुधवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेसेट (इजरायली संसद) ऑफिस के एंट्रेंस को ब्लॉक कर दिया. ये लोग मांग कर रहे थे कि पीएम उनसे मिलें और उनके प्रियजनों को मुक्त कराने के लिए बंधक समझौते पर काम करें.
इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध विराम लेबनान में स्थानीय समयानुसार बुधवार सुबह 4 बजे (02:00 जीएमटी/सुबह 7:30 बजे भारतीय समय) लागू हो गया.
एली अलबाग, जिनकी छोटी बेटी लिरी को पिछले वर्ष 7 अक्टूबर को हमास के हमले के दौरान बंदी बना लिया गया था, ने कहा कि जिस तरह नेतन्याहू लेबनान में लड़ाई समाप्त करने के लिए समझौता करने में सफल रहे, ऐसा ही उन्हें गाजा में भी करना चाहिए. अलबाग ने कहा, "अगर आप चाहें तो ऐसा कर सकते हैं. हम आपसे तहे दिल से विनती कर रहे हैं."
सात बचे हुए अमेरिकी-इजरायली बंधकों के परिवारों ने एक संयुक्त बयान में कहा, "हम लेबनान में इस युद्धविराम समझौते से उत्साहित हैं, हम खुद से पूछते हैं, हमारे बच्चे, माता-पिता, बहनें और भाई कब घर लौटेंगे? हम अपनी मेज पर उनकी कुर्सियों को हमेशा के लिए खाली नहीं रहने दे सकते."
बयान में कहा गया, "हम [अमेरिका के] नवनिर्वाचित राष्ट्रपति [डोनाल्ड] ट्रंप से अपील करते हैं कि वे राष्ट्रपति [जो] बाइडेन और उनके प्रशासन के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करें ताकि सात अमेरिकियों - ओमर न्यूट्रा, एडन अलेक्जेंडर, जूडी वेनस्टीन, गैड हाग्गई, कीथ सीगल, सगुई डेकेल-चेन और इते चेन - और अतिरिक्त 94 बंधकों को तुरंत घर लाया जा सके."
7 अक्टूबर इजरायल में हमास के बड़े हमले के जवाब में यहूदी राष्ट्र ने फिलिस्तीनी ग्रुप के कब्जे वाली गाजा पट्टी में सैन्य अभियान शुरू किया था. हमास के हमले में करीब 1200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक लोगों को बंधक बनाया गया था. इजरायली हमलों ने गाजा में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है और हजारों फिलिस्तीनियों की मौत हुई है.