Explainer : क्या वाकई गाजा में रुकेगा युद्ध, बाइडन के दावे में कितना दम? हमास-इजरायल की शर्तें क्या?

राष्ट्रपति बाइडन ने इन बातों का ख़ुलासा तो नहीं किया, लेकिन जो जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक़ 6 हफ़्तों के सीज़फ़ायर के प्रस्ताव पर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है.

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नई दिल्ली:

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि उनको उम्मीद है कि इज़रायल और हमास के बीच अगले सोमवार तक यानि 4 मार्च तक सीज़फ़ायर हो सकता है. साथ ही उन्होंने ये भी जोड़ा कि उनके सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने बताया है कि इस तरह का समझौता बेहद क़रीब है, लेकिन अभी ये पूरी तरह हुआ नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये बयान न्यूयार्क में एक आइसक्रीम पार्लर के बाहर एक पत्रकार से बात करते हुए दी. उनके इस बयान के कई मायने हैं.

एक दिन पहले ही जो बाइडन के सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवान ने बयान दिया था कि इज़रायल, इज़िप्ट, क़तर और अमेरिका के प्रतिनिधिमंडलों ने सीज़फ़ायर की शर्तों को लेकर पेरिस में चर्चा की. इसमें हमास के प्रतिनिधि शामिल नहीं थे.

सवाल है कि क्या वाकई में ग़ाज़ा में युद्ध रुकने जा रहा है. अगर हां तो कितने दिनों के लिए? क्या ये पूर्ण युद्धविराम होगा या फिर कुछ हफ़्तों का होगा? ये किन-किन शर्तों पर होगा?

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राष्ट्रपति बाइडन ने इन बातों का ख़ुलासा तो नहीं किया, लेकिन जो जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक़ 6 हफ़्तों के सीज़फ़ायर के प्रस्ताव पर सहमति बनाने की कोशिश की जा रही है. पेरिस में जो फॉर्मूला तय हुआ है, उसे लेकर क़तर में बातचीत की जा रही है, जिसमें इज़रायल और हमास के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं.

अब तक इज़रायल और हमास दोनों अपनी-अपनी शर्तों पर अड़े रहे हैं. इज़रायल जहां पूर्ण युद्ध विराम करने से एकदम से इनकार करता रहा है वहीं हमास का ज़ोर पूर्ण युद्धविराम और ग़ाज़ा से इज़रायली सैनिकों की वापसी पर रहा है. इज़रायल जहां बंधकों की रिहाई को पहली शर्त बताता है, वहीं हमास बंधकों की रिहाई तब तक करने को तैयार नहीं, जब तक कि युद्ध पूरी तरह से ख़त्म न किया जाए. हमास इज़रायल की जेलों में बंद क़रीब हज़ारों फिलिस्तीनियों की रिहाई और ग़ाज़ा में भारी मात्रा में मदद सामग्री भी चाहता है.

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संभावित समझौते की जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक़ इज़रायल एक महीने के युद्धविराम के लिए तैयार है. इज़रायली वार्ताकारों ने ये भी संकेत दिए हैं कि इज़रायल की जेलों में बंद कई हाईप्रोफ़ाइल फिलिस्तीनी क़ैदियों को छोड़ा जा सकता है जिन पर आतंकवाद के आरोप लगाए गए हैं. ऐसा इज़रायली बंधकों की रिहाई के बदले किया जाएगा. कितने बंधकों के बदले कितने फिलिस्तानी क़ैदी छोड़े जाएंगे, ये अभी साफ़ नहीं है, लेकिन इज़राइल की तरफ़ से भी धमकी दी गई है कि अगर 10 मार्च तक बंधकों को रिहा नहीं किया गया तो वो दक्षिणी ग़ाज़ा के राफ़ा में अपनी कार्रवाई तेज़ कर देगा.

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ग़ौरतलब है कि 10 मार्च से रमजान का महीना शुरू हो रहा है. इज़रायल राफा में सैन्य कार्रवाई आगे बढ़ा रहा और अब तक के हमलों में कई फिलिस्तीनियों की मौत हुई है. नेतन्याहू ने कहा कि राफ़ा में ऑपरेशन पूरा हुए बग़ैर हमास पर जीत दर्ज नहीं की जा सकती है. राफ़ाह में क़रीब 14 लाख शरणार्थी हैं और जिनको खान यूनुस जैसे इलाक़े में भेजे जाने की बात पीएम नेतन्याहू ने की है, यानि कि युद्ध से तबाह हो चुके ग़ाज़ा में लाखों शरणार्थी दरबदर होने को मजबूर हैं. हमास पर इसका भी दबाव है.

वैसे बाइडन के सीज़फ़ायर के बयान को मिशीगन में होने वाले प्राइमरीज़ से भी जोड़ कर देखा जा रहा है. यहां क़रीब 3 लाख अरब और मुस्लिम अमेरिकी रहते हैं. अमेरिका जिस तरह से इज़राइल के समर्थन में रहा है उसे लेकर यहां ज़बरदस्त गुस्सा है और यहां के डेमोक्रेट्स भी बाइडन के ख़िलाफ़ हो गए हैं. नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव में बाइडन को बड़ी दिक्कत आ सकती है.

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हमास और इज़रायल के बीच युद्ध रोके जाने की बात पहले भी कई बार हुई है, लेकिन पिछले नवंबर में एक हफ़्ते के युद्ध विराम के बाद इज़राइल का हमला बदस्तूर जारी है. अब देखना है कि बाइडन के दावे में कितना दम है और सोमवार तक कोई सीज़फ़ायर होता है तो असल में किन शर्तों के साथ होता है.