- इजरायल की सेना ने गाजा पट्टी में हमास की सात किलोमीटर लंबी और 80 कमरों वाली सुरंग का पता लगाया
- सुरंग राफा के घनी आबादी वाले इलाके और यूएन शरणार्थी एजेंसी के कैंप के नीचे से होकर गुजरती है
- इस सुरंग का उपयोग हमास कमांडरों ने हथियार जमा करने, हमले की योजना बनाने और छिपने के लिए किया था
इजरायल की सेना (IDF) ने गाजा पट्टी में हमास की एक बड़ी सुरंग का खुलासा किया, जहां हाल ही में इस उग्रवादी समूह ने इजरायल के लेफ्टिनेंट हैदर गोल्डिन का शव रखा था. लेफ्टिनेंट गोल्डिन 2014 के इजरायल-हमास युद्ध के दौरान गाजा में घात लगाकर मारे गए थे. इस महीने की शुरुआत में इजराइल को उनके शव के अवशेष मिले थे. अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X एक पोस्ट में IDF ने गुरुवार, 20 नवंबर को उस सुरंग का एक वीडियो शेयर किया जहां गोल्डिन का शव रखा गया था.
IDF ने कहा कि सुरंग घनी आबादी वाले राफा के नीचे और UNRWA (फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी) के कैंपस, मस्जिदों, क्लीनिकों और बच्चों के स्कूल (किंडरगार्टन) के नीचे से होकर गुजरती है. इस सुरंग का उपयोग हमास कमांडरों ने द्वारा हथियारों को जमा करने, हमलों की योजना बनाने और लंबे वक्त तक छिपकर ठहरने के लिए किया जाता था.
सुरंग 7 किमी लंबी, इसमें 80 कमरे हैं
IDF ने कहा कि सुरंग सात किलोमीटर से अधिक लंबी, 25 मीटर गहरी है और इसमें 80 कमरे हैं. सुरंग का पता स्पेशल याहलोम लड़ाकू इंजीनियरिंग की यूनिट और शायेटेट 13 नौसैनिक कमांडो यूनिट द्वारा लगाया गया है. यहां इजरायली सेना को हमास के सीनियर कमांडरों द्वारा कमांड पोस्ट के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले कमरे मिले, जिनमें मुहम्मद शबाना भी शामिल थी, जो मई में हमास नेता मोहम्मद सिनवार के साथ मारा गया था.
सैनिक की मौत में शामिल हमास मेंबर गिरफ्तार
X पर एक अलग पोस्ट में, इजरायली सेना ने कहा कि उसने मारवान अल-हम्स को गिरफ्तार किया. उसके बारे में इजरायली सेना ने कहा कि लेफ्टिनेंट हदर गोल्डिन की हत्या में शामिल वह एक हमास आतंकवादी था. IDF ने कहा, "इस बात का भी संदेह है कि अल-हम्स को राफा में "व्हाइट-क्राउन्ड" सुरंग में लेफ्टिनेंट गोल्डिन के दफन के स्थान के बारे में जानकारी थी."
बयान में आगे कहा गया है, "जुलाई 2025 का ऑपरेशन लेफ्टिनेंट हदर गोल्डिन को वापस लाने और उन्हें इजरायल में दफनाने के लिए वापस लाने के लिए पिछले 6 महीनों में किए गए दर्जनों गोपनीय ऑपरेशनों का हिस्सा था."














