- इजरायल के रक्षा मंत्री ने गाजा शहर पर कब्जा की योजना को मंजूरी दी है. 60000 रिजर्विस्टों को बुलावा भेजा गया.
- हमास ने 60 दिनों के लिए सीजफायर प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसमें बंधकों की चरणबद्ध रिहाई शामिल है.
- इजरायली सरकार बंधकों की एक बार में रिहाई की मांग पर अड़ी है और अभी तक सीजफायर प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया.
इजरायल के रक्षा मंत्री ने गाजा शहर पर कब्जे के प्लान को मंजूरी दे दी है. इस प्लान को अंजाम देने के लिए लगभग 60,000 रिजर्विस्टों (रिजर्व में बैठी सेना) को बुलावा भी भेज दिया गया है. न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने बुधवार, 20 अगस्त को इसकी पुष्टि की.
इजरायल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज के इस कदम की पुष्टि एक प्रवक्ता ने एएफपी को की. अब इजरायल के इस फैसले से हमास पर दबाव बढ़ गया है. गाजा में लगभग दो साल से जारी जंग को रोकने के लिए मध्यस्थ देशों ने नया प्रस्ताव लाया है जिसे हमास ने तो मंजूरी दे दी है. सबको उसपर इजरायल की प्रतिक्रिया का इंतजार था लेकिन लगता है कि उसने अपने मिलिट्री प्लान पर आगे बढ़ने का फैसला किया है.
इजरायल को हर बंधक एक बार में वापस चाहिए
अमेरिका के समर्थन में मिस्र और कतर बिचौलिए बने हुए हैं ताकि इजरायल और गाजा के इस संघर्ष में स्थायी संघर्ष विराम (सीजफायर) सुनिश्चित किया जा सके. हमास ने जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी है, उसमें शुरू में 60 दिनों के लिए सीजफायर की बात की गई है. चरणबद्ध तरीके से इजरायली बंधकों की रिहाई की जाएगी, बदले में इजरायल कुछ फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा और गाजा में मानवीय सहायता के प्रवेश की अनुमति देगा. लेकिन लगता है कि इजरायल इस प्रस्ताव पर राजी नहीं है.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार एक सीनियर इजरायली अधिकारी ने कहा कि नेतन्याहू सरकार किसी भी समझौते में एक साथ सभी बंधकों की रिहाई की अपने मांग पर अड़ी हुई है.
इजरायल और हमास ने पूरे युद्ध के दौरान बीच-बीच में अप्रत्यक्ष बातचीत की है. उसमें थड़ी सफलता भी मिली और परिणामस्वरूप दो छोटे सीजफायर हुए. उस दौरान फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में इजरायली बंधकों को रिहा किया गया.
अभी जो सीजफायर का प्रस्ताव सामने आया है वो इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट द्वारा पूरे गाजा शहर पर कब्जा करने की योजना को मंजूरी देने के बाद आया था. अब प्लान को इजरायली रक्षा मंत्री ने भी पास कर दिया है.
गौरतलब है कि अक्टूबर 2023 में जब इजरायल पर हमास ने हमला किया था तो उसमें 1,219 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे. वहीं हमास द्वारा संचालित गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार (जिसे संयुक्त राष्ट्र विश्वसनीय मानता है) इजरायल के जवाबी हमले में कम से कम 62,064 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं.














