सीरिया (Syria) की राजधानी दमिश्क में अपने कांसुलेट पर हमले के बाद ईरान ने बदले की बात की है. ईरान की तरफ से कई बयान आए हैं. ईरान के विदेशमंत्री होसैन अमीर अब्दोल्लाहियन ने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय नियम और समझौतों का घोर उल्लंघन बताया है, क्योंकि हमला राजनयिक इमारत पर किया गया. ईरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि हमले का जवाब कब और किस रूप में दिया जाएगा, ये ईरान अपने हिसाब से तय करेगा. वहीं सीरिया में ईरान के राजदूत ने कहा है कि तेहरान का जवाब, एक निर्णायक जवाब होगा.
ईरान की तरफ से जवाबी कार्रवाई के संकेत
इज़राइल-हमास (Israel Attack) युद्ध में सीधे कूदने से ईरान अब तक बचता आया है, लेकिन जिस तरह से उसके कांसुलेट को निशाना बनाया गया है, इसके बाद ईरान की तरफ से जवाबी कार्रवाई के पूरे संकेत दिए जा रहे हैं. इससे युद्ध के फैलने का ख़तरा बहुत ही अधिक बढ़ गया है. दमिश्क में हुए हमले के पीछे इज़राइल का हाथ बताया गया है. सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक़- इस हमले में 11 लोगों की मौत हुई है, जिनमें आठ ईरानी, दो सीरियाई और एक लेबनानी शामिल हैं.
हमले में ईरान के तीन बड़े मिलिट्री कमांडरों की मौत
ईरान की तरफ से जारी बयान के मुताबिक- हमले के समय कांसुलेट में ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर के कई सैन्य सलाहकार मौजूद थे, जिन ईरानियों की मौत हुई है, उनमें ईरान के तीन बड़े मिलिट्री कमांडर शामिल हैं. ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड के कुद्स फ़ोर्स के सीनियर कमांडर ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेज़ा ज़ाहेदी की तो मौत हुई ही उनके डेप्यूटी जनरल मोहम्मद हादी हजरियाहिमि और जनरल होसैन अमानुल्लाह भी मारे गए हैं. ये सभी कमांडर सीरिया और लेबनान में ईरान के ऑपरेशन्स देख रहे थे. ये भी कहा गया है कि ये कमांडर हिज़बुल्लाह जैसे ईरान के प्रॉक्सी के साथ कॉऑर्डिनेट करते थे.
इजराइल ने पहली बार ईरान के दूतावास के हिस्से को बनाया निशाना
इज़राइल सीरिया और लेबनान में ईरान के समर्थन वाले सैन्य गुटों के ठिकानों पर पहले से ही हमले करता रहा है, लेकिन ये पहली बार है कि उसने दूतावास के हिस्से को निशाना बनाया. सीरिया के विदेशमंत्री फ़ैसल मेकदाद ने इसे आतंकवादी हमला करार दिया है. रूस ने भी इज़राइल के इस हमले की निंदा की है. अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि इलाके में तनाव और युद्ध भड़कने जैसी किसी भी बात को लेकर वह बहुत चिंतित है, हालांकि जब इज़राइल डिफेंस फोर्स से इस हमले के बाबत पूछा गया तो उसका जवाब है कि विदेशी मीडिया रिपोर्ट पर आईडीएफ़ टिप्पणी नहीं करेगा. इज़राइल बेशक अपनी तरफ़ से इस बात की तस्दीक नहीं करे लेकिन अब नज़र ईरान की तरफ़ है कि वो आगे क्या करता है.