अपनी सेना वाले इलाकों से दूर रहें: इजरायल को क्यों चेतावनी दे रहा हिजबुल्लाह?

इजरायल लगातार हिजबुल्लाह को निशाना बनाकर लेबनान में कहर बरपा (Israel Attack Hezbollah) रहा है. इससे वहां लोगों की जानें जा रही हैं. इस बीच गाजा में एक बार फिर से किए गए हमले से मध्य अमेरिरी देश निकारागुआ ने नाराजगी जाहिर करते हुए इजरायल से रिश्ता तोड़ने का ऐलान किया है.

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इजरायल के हमले के बीच हिजबुल्लाह की चेतावनी. (AFP फोटो)

इजरायल लगातार हिजबुल्लाह को निशाना बनाकर लेबनान में कहर बरपा (Israel Attack Hezbollah) रहा है. इससे वहां लोगों की जानें जा रही हैं. इस बीच गाजा में एक बार फिर से किए गए हमले से मध्य अमेरिरी देश निकारागुआ ने नाराजगी जाहिर करते हुए इजरायल से रिश्ता तोड़ने का ऐलान किया है.

  1.  हिजबुल्लाह की इजरायलियों को चेतावनी:  इजरायल हिजबुल्लाह को लगातार निशाना बना रहा है और लेबनान में तबाही मचा रहा है.  शुक्रवार को हुए हमलों के बाद हिजबुल्लाह ने इजरायलियों से रिहायशी इलाकों में इजरायली सेना से दूर रहने की चेतावनी जारी की है. उन्होंने कहा है कि देश के उत्तर में रिहायशी इलाकों में इजरायली सेना वाली जगहों से दूर रहें. 
  2. हिजबुल्लाह ने क्या कहा:  हिजबुल्लाह ने अरबी और हिब्रू में एक बयान जारी कर कहा है, "इजरायली दुश्मन सेना हमले करने के लिए उत्तरी इज़रायल में इजरायलियों के घरों का इस्तेमल करती है. उसका कहना है कि हाइफ़ा, तिबरियास, एकर जैसे कब्जे वाले मुख्य शहरों के रिहायशी क्षेत्रों में उनके सैन्य अड्डे हैं. लेबनानी समूह ने इज़रायलियों को उनकी जान बचाने के लिए इन सैन्य अड्डों के जमावड़ों के पास न जाने की चेतावनी दी है.
  3. लेबनान में तबाही का मंजर: लेबनान में इजरायल के हमलों में अब तक 1,200 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और करीब दस लाख लोगों को अपने घरों को छोड़कर दूसरी जगहों पर शरण लेने के लिए जाना पड़ा. इजरायल ने अब लेबनान में जमीनी हमले भी शुरू कर दिए हैं.शुक्रवार को किए गए हमले में 22 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 117 लोग घायल हो गए.
  4. ईरान पर हमले की योजना: इजरायल ईरान पर भी जल्द हमला कर सकता है.वह 180 मिसाइलों का जवाब देने के लिए योजना बना रहा है. दोनों देशों के संघर्ष पर नजर रखने वालों का अनुमान है कि इजरायल, ईरान के सैन्‍य ठिकानों को निशाना बना सकता है. वह सबसे पहले ईरानी एयर डिफेंस सिस्‍टम और मिसाइल लॉन्चिंग बेस को टारगेट कर सकता है. इससे ईरानी सेना के हौसले पस्त हो सकते हैं, जिससे उन्‍हें पलटवार करने में मुश्किल आएगी. 
  5. लेबनान के हालात से US चिंतित: लेबनान में हो रहे इजरायली हमलों का अमेरिका समर्थन तो कर रहा है लेकिन वहां के हाालात से वह चिंता में है. विदेश सेक्रेटरी एंटनी ब्लिंकन ने लेबनान में राजनयिक समाधान और इस संघर्ष को रोकने की वकालत की.  हालांकि उनका कहना है कि इजरायल को हिजबुल्लाह से अपनी रक्षा करने का अधिकार है, लेकिन वह  बिगड़ती मानवीय स्थिति से चिंतित हैं.
  6.  निकारागुआ ने इजरायल से रिश्ता तोड़ा: इजरायल ने शुक्रवार को गाजा पर एक बार फिर से हमला कर दिया. शरणार्थी शिविर में किए गए इस हमले में 27 लोगों की मौत हो गई. गाजा पर किए गए इस हमले से अमेरिकी देश निकारागुआ काफी खफा है. उसने सख्त कदम उठाते हुए  इजरायल के साथ संबंध तोड़ने का ऐलान किया है. इसके साथ ही उसने इजरायल की नेतन्याहू सरकार को "फासीवादी और नरसंहारक" भी कहा है.
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  8. डैनियल ओर्टेगा पर संबंध खत्म:  निकारागुआ की उपराष्ट्रपति रोसारियो मुरिलो ने कहा है कि फिलिस्तीनी आतंकवादी गुट हमास के साथ इजरायल के पिछले एक साल से जारी युद्ध के कट्टर आलोचक रहे  वामपंथी राष्ट्रपति डैनियल ओर्टेगा ने फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर यहूदी देश के के बाद रिश्ते तोड़ने का आदेश दिया है.
  9. गाजा में हमले से निकारागुआ खफा: निकारागुआ का इजरायल के साथ रिश्ते तोड़ने का यह कदम निश्चित रूप से प्रतीकात्मक है, जिसमें इज़रायल और मध्य अमेरिकी देश के बीच के संबंधों के बीच की खटास सामने आ गई है. ईरान पर हमले के बीच एक बार फिर से गाजा के शरणार्थी शिविर पर हमले के  बाद से निकारागुआ में नाराजगी है. इसीलिए वह इजरायल के साथ रिश्ते बनाए रखने के पक्ष में नहीं है.
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  11. निकारागुआ ने पहले भी तोड़े इजरायल से संबंध: निकारागुआ की राजधानी मानागुआ में भी इजरायल का कोई राजदूत नहीं है. ये पहली बार नहीं है जब मध्य अमेरिकी देश इस तरह का कदम उठा रहा है.निकारागुआ पहले भी दो बार इज़रायल के साथ संबंध तोड़ चुका है.  एक बार साल 2010 में ओर्टेगा के तहत और इससे पहले 1982 में ओर्टेगा के नेतृत्व वाली सैंडिनिस्टा क्रांतिकारी सरकार के समय में भी ऐठे कदम उठाए जा चुके हैं.
  12.  स्माइल कानी मोसाद एजेंट नहीं: हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद कुद्स फोर्स के एक कमांडर इस्माइल कानी को लेकर कहा जा रहा है कि वह इजरायल का जासूस है. लेकिन भारत में ईरान के दूतावास ने इस खबर का खंडन कर कहा कि मीडिया में छप रही ये खबर फर्जी है. वह मोसाद एजेंट नहीं है.
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