इजरायल और फिलिस्तीनी संगठन हमास के बीच एक साल से चल रही जंग की आग लेबनान में फैलने लगी है. लेबनान में ईरान समर्थित संगठन हिज्बुल्लाह ने गाजा और हमास के समर्थन में इजरायल पर हमले किए थे. जिसके बाद इजरायल ने बदला लेने के लिए हिज्बुल्लाह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इजरायल लगातार पांच दिन से लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर रहा है. इन हमलों में अब तक 500 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. सवाल ये है कि एक साल पहले इजरायल ने हमास के खात्मे की कसम खाई थी. गाजा में उसके साथ जंग भी चल रही है. इस बीच हमास को छोड़कर इजरायल हिज्बुल्लाह के पीछे क्यों पड़ा है?
पश्चिम एशिया में चल रहे उथल-पुथल को लेकर NDTV ने मंगलवार को भारत में इजरायल के नए राजदूत रियुवेन अजार से खास बातचीत की. इस दौरान रियुवेन ने बताया कि इजरायल को हमास के साथ-साथ हिज्बुल्लाह से क्या दिक्कतें हैं. आखिर इजरायल, लेबनान से क्या चाहता है:-
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हमास को जिंदगी भर का सबक देना मकसद
भारत में इजरायल के नए राजदूत रियुवेन अजार ने कहा, "हमारी सरकार ने 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमलों के बाद बहुत स्पष्ट फैसला लिया था. इजरायल ने हमास का नामो-निशान मिटाने और हमारे बंधकों को छुड़ाने की कसम खाई थी. तब से हम इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. इजरायल दुनिया के सामने यह भी सुनिश्चित करना चाहता है कि हमास जैसे मिलिशिया ग्रुप फिर कभी हमले न कर पाए. इसलिए हम गाजा में एक साल से मिलिट्री ऑपरेशन चला रहे हैं. ताकि गाजा में हमास के मिसाइल फैक्ट्रियों को तबाह किया जा सके. उसे जड़ समेत खत्म किया जा सके."
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हमास का नाम मिटाना जरूरी
रियुवेन अजार ने कहा, "गाजा से अपने बंधकों को छुड़ाने के लिए इजरायल आगे भी ऐसे हमले करता रहेगा. ये कोई धमकी नहीं है, बल्कि ये हमारा कमिटमेंट है." अजार कहते हैं, "अब अगर हिज्बुल्लाह के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन की बात करें, तो उसके हमलों के बाद हमने डिप्लोमैटिक सॉल्यूशन की कोशिश की थी. हालांकि, इनका कोई फायदा नहीं हुआ. हिज्बुल्लाह हमारे इलाके में लगातार हमले कर रहा था. अब तक उसे 8000 से ज्यादा रॉकेट हमले किए हैं. लिहाजा हमें भी ऑपरेशन शुरू करना पड़ा."
ये हिज्बुल्लाह के लिए भी बड़ा मैसेज
अजार कहते हैं, "इन हमलों का मकसद हिज्बुल्लाह को एक सख्त मैसेज देना भी है. मैसेज ये है कि हिज्बुल्लाह को समझना होगा कि वह इजरायल पर हमले करना जारी नहीं रख सकता है."
हमास को दोबारा हमले का नहीं दे सकते मौका
हमास के साथ गाजा में इजरायल की करीब एक साल से जंग चल रही है. अब तक इजरायल गाजा में बंधक बनाए गए अपने नागरिकों को क्यों आजाद नहीं करवा पाया है? इस सवाल के जवाब में इजरायली राजदूत कहते हैं, "सबसे बड़ी वजह से है कि हमास नेगोशिएट करना नहीं चाहता. जबकि हम नेगोशिएट करना चाहते हैं. हमास गाजा पट्टी से आगे भी इजरायल पर हमले करने का रास्ता खोले रखना चाहता है. हम कतई इसकी परमिशन नहीं दे सकते. इसलिए बंधकों को वापस लाने में वक्त लग रहा है. हमें सब्र से काम लेना होगा."
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इजरायल ने अब तक छुड़ाए 150 बंधक
जंग के बीच गाजा में कम से कम 85% एरिया तबाह हो चुका है. क्या ये सच है? इसके जवाब में इजरायली राजदूत कहते हैं, "मैं इन आंकड़ों को लेकर कंफर्म नहीं हूं. लेकिन एक बात बता सकता हूं कि हमने ऐसे हालात पैदा किए हैं, जिससे गाजा के लोग वो इलाके छोड़कर चले जाए, जहां हमास के ठिकाने हैं. अब तक हम हमास की ओर से बंधक बनाए गए कम से कम 150 लोगों को आजाद कराया है. अभी भी करीब 250 इजरायली नागरिक वहां बंधक हैं."
गाजा की सुरंगों में हमले नहीं करने की भी बताई वजह
इजरायली राजदूत रियुवेन अजार ने कहा, "7 अक्टूबर को इजरायल पर रॉकेट हमलों और घुसपैठ के बाद हमास के लड़ाके गाजा की सुरंगों में अंडरग्राउंड हो चुके हैं. हमने अब तक कई किलोमीटर टनल को तबाह किया है. कई हथियार डैमेज किए हैं. हालांकि, अभी भी हमास के लड़ाके टनल में छिपे हुए हैं. दिक्कत ये है कि अगर हम इन टनलों को निशाना बनाते हैं, तो शायद वहां हमास के लड़ाकों के साथ-साथ हमारे नागरिकों की जान भी जा सकती है. क्योंकि हमास ने हमारे नागरिकों को टनल में ही बंधक बनाकर रखा है."
क्या मानवीय कानून तोड़ रहा इजरायल?
यह पूछे जाने पर कि क्या इजरायल गाजा में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन कर रहा है. इस पर राजदूत ने कहा, "हम एक लोकतंत्र हैं और हम अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का सम्मान करते हैं. आतंकवादी अपने गुर्गों के लिए छूट का लाभ उठाते हैं। हमने इसे गाजा और लेबनान में देखा है."
पीएम मोदी की शांति की अपील पर क्या सोचता है इजरायल?
पीएम मोदी लगातार शांति की अपील और कोशिश कर रहे हैं. जंग खत्म करने को लेकर इजरायल क्या सोचता है? जवाब में रियुवेन कहते हैं, "इजरायल खुद चाहता है कि जंग खत्म हो जाए. लेकिन हमें सर्तक रहना होगा. क्योंकि अगर हमने हमास और हिज्बुल्लाह को हमेशा के लिए नहीं रोका, तो ऐसे हमले फिर होंगे और होते रहेंगे. इजरायल शांति का इच्छुक है. 7 अक्टूबर को हुए हमले इजरायल ने शुरू नहीं किए थे. ये हमले हमास की उकसावे की कार्रवाई थी. इजरायल बस उसका जवाब दे रहा है."