गाजा में इजरायल और हमास के बीच जारी जंग कब रुकेगी इसे लेकर अभी पुख्ता तौर पर कोई कुछ कहने की स्थिति में नहीं है. इजरायल के लिए अपने सभी नागरिकों को हमास के चंगुल से छुड़ाना अभी भी एक बड़ी चुनौती की तरह बना हुआ है. हालांकि, इस बीच में इजरायल ने गाजा पर चारों तरफ से दवाब बनाकर अपने बंधकों को छुड़वाने की कोशिश जरूर की थी लेकिन वह नाकाम रहा. गाजा में जारी लड़ाई के बीच मंगलवार को अमेरिका ने इजरायल और हमास के बीच एक संभावित डील की तरफ इशारा किया है. अब कहा जा रहा है कि यह क़तर में मिस्र और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मध्यस्थता में कथित अप्रत्यक्ष वार्ता के बाद आया है. अब ऐसे में ये एक बड़ा सवाल है कि क्या इजरायल और हमास के बीच चल रहा ये युद्ध अब थमने के कगार पर है.
अचानक से कैसे जगी ये उम्मीद?
AFP की खबर के अनुसार एक राजनयिक सूत्र ने बताया है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन बिन पहले ये कहा था कि 20 जनवरी को बतौर राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने से पहले वो चाहेंगे कि इजरायल और हमास के बीच एक समझौता किया जाए. सूत्रों के अनुसार हमास भी ये मान चुका है कि वह इस लड़ाई को लंबे समय तक जारी नहीं रख सकता है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि लेबनान में उसके सहयोगी हिजबुल्लाह की हालत पहले काफी कमजोर हुई है वहीं दूसरी तरफ सीरिया सरकार से मिलने वाली मदद भी अब पहले की तरह जारी नहीं है. ऐसे में उसके लिए इस लड़ाई को लंबे समय तक जारी रख पाना संभव नहीं है. सूत्रों के अनुसार हमास चाहता है कि इस साल के अंत तक एक समझौते तक पहुंचा जाए. सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि इजरायल और हमास के बीच क्रिसमस तक कोई समझौता होना संभव है.
सूत्रों के अनुसार हमास प्रमुख याह्या सिनवार की हत्या के बाद से विदेशों में मौजूद हमास के नेता इस समझौते को लेकर बातचीत करने के लिए तैयार दिख रहे हैं. हमास के एक बड़े अधिकारी ने मंगलवार को एएफपी को बताया कि बातचीत "अंतिम" चरण में है और बातचीत समाप्त होने के बाद कतर और मिस्र समझौते की घोषणा करेंगे.उधर, इजरायली सरकार के प्रवक्ता डेविड मेन्सर ने बुधवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में प्रस्तावित सौदे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि जितना कम कहा जाए उतना बेहतर है.
इस डील की क्या हो सकती हैं शर्तें?
आपको बता दें कि पिछले साल 7 अक्टूबर को जब हमास ने इजरायल पर हमला कर उसके 251 नागरिकों को बंधक बना लिया था. अब जब इस युद्ध को एक साल से ज्यादा का समय हो गया है तो अभी भी हमास के कब्जे में 96 बंधक अभी भी हैं.इजरायली सेना के अनुसार जो बंधक अभी भी हमास की गिरफ्त में उनमें से 34 की मौत हो चुकी है. हमास के अधिकारी ने एएफपी को बताया है कि इस समझौते की शर्तों में सीजफायर को लागू करना और इसके बदले धीरे-धीरे बंधको की रिहाई का प्रस्ताव रखा जा सकता है. पहले, छह सप्ताह के चरण में सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में इजरायली नागरिक बंधकों और महिला सैनिकों को रिहा किया जाएगा.
हमास के करीबी सूत्र ने बताया कि इस चरण के दौरान, इज़राइल फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर राफा क्रॉसिंग के पश्चिम से अपनी सेना को वापस ले लेगा. इज़रायली सेनाएं नेटज़ारिम कॉरिडोर से भी आंशिक रूप से पीछे हटेंगी, जो गाजा शहर के ठीक दक्षिण में क्षेत्र को दो भागों में विभाजित करती है, और धीरे-धीरे फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविरों को छोड़ देगी.
आखिर में, पहले चरण में इजरायली सेना की निगरानी में तटीय राजमार्ग के माध्यम से गाजा शहर और उत्तर में विस्थापित निवासियों की क्रमिक वापसी होगी.जबकि दूसरे चरण में कई फ़िलिस्तीनी कैदियों के बदले में इज़रायली पुरुष सैनिकों की रिहाई होगी, जिनमें लंबी सज़ा वाले कम से कम 100 कैदी भी शामिल होंगे.
इस चरण के दौरान इज़राइल अपनी सैन्य वापसी पूरी कर लेगा लेकिन इज़राइल पूर्वी और उत्तरी सीमा क्षेत्रों पर सेना बनाए रखेगा.प्रस्तावित सौदे के अंतिम चरण के तहत, युद्ध की आधिकारिक घोषणा की जाएगी और उस क्षेत्र में पुनर्निर्माण के प्रयास शुरू होंगे, जहां UN satellite agency ने कहा कि सभी संरचनाओं का 66 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो गया है.अंत में, मिस्र की सीमा पर राफा क्रॉसिंग को मिस्र और यूरोपीय संघ के समन्वय में वेस्ट बैंक स्थित फिलिस्तीनी प्राधिकरण द्वारा संयुक्त रूप से प्रबंधित किया जाएगा.
ये बातें भी काफी अहम होने वाली हैं
कई दौर की अप्रत्यक्ष वार्ता के बावजूद, इजराइल और हमास 2023 के अंत में केवल एक सप्ताह के संघर्ष विराम पर सहमत हुए थे.तब से हमास और इज़राइल के बीच बातचीत को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें विवाद का अहम बिंदु स्थायी रूप से युद्धविराम करना है.इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी बार-बार कहा है कि वह फिलाडेल्फी कॉरिडोर से इजरायली सैनिकों को वापस नहीं लेना चाहते हैं.एएफपी ने जिन राजनयिक सूत्रों से बात की उनमें से एक ने कहा कि इजराइल सीमा पट्टी से कभी भी बाहर नहीं निकलेगा, और अधिक से अधिक छोटी सीमा को दूसरों के प्रबंधन के लिए छोड़ देगा.
एक और अनसुलझा मुद्दा ये है कि इस युद्ध के बाद गाजा पर किसका शासन चलेगा. यह फ़िलिस्तीनी नेतृत्व सहित एक अत्यधिक विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है.इजराइल ने बार-बार कहा है कि वह हमास को फिर कभी इस क्षेत्र पर शासन करने नहीं देगा. वहीं दूसरी तरफ हमास के एक अधिकारी ने बुधवार को एएफपी को बताया कि मिस्र, कतर, तुर्की, संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राज्य अमेरिका समझौते की शर्तों को लागू करने की गारंटी देंगे तो इसमें से किसी भी देश ने इसे लेकर हां नहीं बोला है.