- पाकिस्तान ने अमेरिकी ड्रोन से अफगानिस्तान में हमले के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है
- पाक सेना ने दावा किया कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच ऐसा कोई समझौता नहीं है जो हमले की अनुमति देता हो
- पाकिस्तान ने तालिबान विद्रोहियों के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत से इनकार किया है
पाकिस्तान ने सोमवार को अफगान तालिबान के उन आरोपों को खारिज कर दिया कि अमेरिकी ड्रोन को उसकी धरती से अफगानिस्तान में हमले करने की अनुमति दी गई थी. पाक सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा, “यह आरोप झूठा है.”
वरिष्ठ पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत के दौरान, सैन्य प्रवक्ता ने उन्हें पाकिस्तान-अफगानिस्तान वार्ता की स्थिति, सीमा पार हमलों, आतंकवाद रोधी अभियानों, आतंकवादियों के वित्तीय केंद्रों और अन्य मुद्दों के बारे में जानकारी दी. ‘जियो न्यूज' की खबर के अनुसार, चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच ऐसा कोई समझौता नहीं है जो अमेरिका को अफगानिस्तान पर हमला करने की अनुमति देता हो.
उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत समुद्री सीमा पर एक झूठा सैन्य अभियान चला सकता है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बता सकता है कि उसने “भारत के खिलाफ हमले के आतंकवादियों के प्रयास को विफल कर दिया है. उन्होंने कहा, “हम ऐसी किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार हैं.”
अफगानिस्तान के साथ वार्ता के बारे में चौधरी ने कहा कि आतंकवाद एक सूत्री एजेंडा है, क्योंकि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) अफगान धरती का उपयोग करके पाकिस्तान के खिलाफ हमलों में शामिल है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने के इरादे से अफगान तालिबान के साथ बातचीत शुरू की है. उन्होंने कहा, “यदि वार्ता विफल हो जाती है, तो हम आतंकवाद के मुद्दे को हर संभव तरीके से सुलझाएंगे.”
उन्होंने विद्रोहियों के साथ किसी भी प्रकार की बातचीत से भी इनकार किया. चौधरी ने बताया कि इस साल 62,113 खुफिया-आधारित अभियानों में 1,667 आतंकवादी मारे गए, जिनमें 128 अफगान नागरिक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इन झड़पों में 582 सुरक्षाकर्मी भी मारे गए.














