इमरान खान जिंदा हैं भी या नहीं? मौत की अफवाहों के बीच बहनों ने की ये खास मांग, पढ़ें क्या है पूरा मामला

पंजाब पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर को लिखे पत्र में इमरान खान की बहनों ने कहा कि हिंसा "क्रूर और सुनियोजित थी और पुलिसकर्मियों द्वारा बिना उकसावे के की गई थी. नोरीन नियाज़ी ने कहा कि हमने उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में चिंताओं पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया.

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  • इमरान खान की मौत और फांसी दी जाने की अफवाहों पर सरकार और सेना की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं आई है
  • इमरान खान की बहनों ने दावा किया है कि उन्हें पिछले कुछ सप्ताह से अपने भाई से मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है
  • आदियाल जेल के बाहर इमरान खान के समर्थक बड़ी संख्या में जमा होकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की
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नई दिल्ली:

पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान बीते कुछ समय से सुर्खियों में बने हुए हैं. सुर्खियों में बने रहने की सबसे बड़ी वजह है उन्हें लेकर फैली अफवाह. इन अफवाहों की मानें तो इमरान की मौत हो चुकी है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि इमरान खान को फांसी तक दी जा चुकी है. लेकिन इन तमाम अफवाहों को लेकर पाकिस्तान की मौजूदा सरकार या सेना की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. इन अफवाहों के बीच अब इमरान खान की बहनों के एक बयान ने इन अफवाहों को और जोर दे दिया है. दरअसल, इमरान खान की तीनों बहनों ने दावा किया है कि उन्हें बीते कुछ सप्ताह से अपने भाई से मिलने नहीं दिया जा रहा है. 

इमरान खान की बहनों का आरोप है कि जब उन्होंने अपने भाई से मिलने दिए जाने की बात की तो पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की. इमरान खान की बहनों नूरीन खान, अलीम खान और उज्मा खान ने दावा किया है कि पुलिस ने उनकी पिटाई तक की है. इन तमाम अफवाहों के बीच बुधवार को रावलपिंडी स्थित आदियाल जेल के बाहर इमरान खान के समर्थक बड़ी संख्या में जुटे. इस दौरान उन्होंने मौजूदा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस प्रदर्शन के दौरान इमरान खान के समर्थक अपने नेता को लेकर सूचना देने की मांग भी करते दिखे. 

इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने कहा कि उनकी बहनें और समर्थक जेल के बाहर बैठे थे जब पुलिसकर्मी उन पर टूट पड़े और उन पर बेरहमी से हमला किया क्योंकि उन्होंने कहा था कि इमरान खान से मुलाकात की मांग करना उनका अपराध था. पार्टी ने अदियाला जेल के बाहर खान की बहनों और समर्थकों पर "क्रूर" पुलिस हमले की निष्पक्ष जांच की भी मांग की है.

इमरान खान की बहनों ने लिखा पत्र

पंजाब पुलिस प्रमुख उस्मान अनवर को लिखे पत्र में इमरान खान की बहनों ने कहा कि हिंसा "क्रूर और सुनियोजित थी और पुलिसकर्मियों द्वारा बिना उकसावे के की गई थी. नोरीन नियाज़ी ने कहा कि हमने उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में चिंताओं पर शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन किया. हमने न तो सड़कें अवरुद्ध कीं, न ही सार्वजनिक आंदोलन में बाधा डाली, न ही किसी गैरकानूनी आचरण में शामिल हुए. फिर भी, बिना किसी चेतावनी या उकसावे के, क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटें अचानक बंद कर दी गईं, जानबूझकर घटनास्थल को अंधेरे में डाल दिया गया. इसके बाद पंजाब पुलिस कर्मियों द्वारा एक क्रूर और सुनियोजित हमला किया गया.उन्होंने लताड़ लगाते हुए कहा कि 71 साल की उम्र में, मुझे मेरे बालों से पकड़ लिया गया, हिंसक तरीके से जमीन पर गिरा दिया गया और सड़क पर घसीटा गया, जिससे मुझे चोटें आईं. 

उन्होंने कहा कि जेल के बाहर मौजूद अन्य महिलाओं को थप्पड़ मारा गया और घसीटा गया. पुलिस का आचरण तीन वर्षों में शांतिपूर्वक विरोध कर रहे नागरिकों के खिलाफ इस्तेमाल किए गए अंधाधुंध बल के व्यापक और परेशान करने वाले पैटर्न का हिस्सा था, जो एक परेशान करने वाली दण्डमुक्ति को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि पुलिस का आचरण पूरी तरह से आपराधिक, अवैध, नैतिक रूप से निंदनीय नहीं था और लोकतांत्रिक समाज में किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसी के मूलभूत कर्तव्यों के सीधे विरोधाभासी था. इमरान खान की बहनों ने मांग की कि आईजीपी पंजाब इस क्रूर हमले में शामिल सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ तुरंत कार्यवाही शुरू करें. 

2023 से जेल में बंद है इमरान खान 

पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान अगस्त 2023 से कई मामलों में जेल में हैं. सरकार ने एक महीने से अधिक समय से बैठकों पर अघोषित प्रतिबंध लगा रखा है, यहां तक ​​कि सोशल मीडिया पर उनकी मौत की फर्जी खबरें भी चल रही हैं. कहा जा रहा है कि इमरान खान पूरी तरह से अलग-थलग और एकांत कारावास में हैं. उनकी कानूनी टीम से जुड़े एक वकील ने मीडिया को बताया कि यहां तक ​​कि किताबें, जरूरी सामान और उनके वकीलों तक पहुंच भी रोकी जा रही है. खालिद यूसुफ चौधरी ने कहा कि यहां जंगल का कानून चलता है, जहां केवल शासन करने वाले जानवर के पास ही अधिकार हैं.  किसी और के पास कोई अधिकार नहीं है. 

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