ईरान की कोयला खदान में मीथेन गैस लीक होने के बाद विस्फोट, 51 लोगों की मौत, 20 घायल

ईरान के दक्षिणी खुरासान प्रांत में मीथेन गैस के रिसाव से एक कोयले की खदान में बड़ा विस्‍फोट हुआ है, जिसमें 51 लोगों की मौत हो गई है.

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नई दिल्‍ली:

ईरान (Iran) की एक कोयले की खदान में रविवार को मीथेन गैस के रिसाव के कारण बड़ा विस्‍फोट (Coal Mine Explotion) हुआ, जिसमें 51 लोगों की मौत हो गई है और 20 लोग घायल हो गए हैं. सरकारी मीडिया के मुताबिक, यह पिछले कुछ सालों में देश की सबसे घातक दुर्घटनाओं में से एक है. यह विस्‍फोट ईरान के दक्षिणी खुरासान प्रांत में हुआ. आधिकारिक आईआरएनए समाचार एजेंसी ने बताया कि पूर्वी ईरान की ताबास खदान में यह विस्‍फोट हुआ. उस वक्‍त साइट पर करीब 70 कर्मचारी मौजूद थे. 

रिपोर्ट के मुताबिक, खदान के दो ब्लॉकों में विस्फोट हुआ. खदान का स्वामित्व निजी ईरानी फर्म मदनजू के पास है. सरकारी टीवी ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए ताबास पहुंचने वाली एम्बुलेंस और हेलीकॉप्टरों के फुटेज प्रसारित किए हैं. आईआरएनए के ऑनलाइन फुटेज में कुछ पीड़ितों के शवों को खनन गाड़ियों में साइट से बाहर ले जाते दिखाई दे रहे हैं. 

दक्षिणी खुरासान के गवर्नर जवाद घेनात ने सरकारी टीवी को बताया कि बचाव दल शेष शवों को निकालने के लिए काम कर रहे हैं. 

राष्‍ट्रपति ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिए 

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए रवाना होने से पहले ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने सरकारी टीवी पर पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं. 

पेजेशकियान ने कहा, "दुर्भाग्य से हमें पता चला कि ताबास में कोयला खदानों में से एक में दुर्घटना हुई और हमारे कई लोगों की जान चली गई. मैं उनके सम्मानित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं."

खुरासान में 3 दिन का सार्वजनिक शोक 

आईआरएनए ने कहा कि उनके पहले उपराष्‍ट्रपति मोहम्मद रजा अरेफ ने पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए आपातकालीन सहायता सुनिश्चित करने के लिए कैबिनेट सदस्यों से बात की है. 

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स्थानीय मीडिया के अनुसार, अधिकारियों ने विस्फोट के बाद प्रांत में तीन दिनों के सार्वजनिक शोक की घोषणा की है. 

ईरान के रेड क्रिसेंट ने कहा कि खदान में खोज और बचाव अभियान जारी है, जहां पर कुछ कर्मचारी अभी फंसे हुए हैं. आईआरएनए के अनुसार, यह कर्मचारी जमीन की सतह से करीब 250 मीटर नीचे थे. 

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