हिजबुल्लाह के मिलिट्री चीफ फ़ौद शुकूर और हमास नेता इस्माइल हानिया के मारे जाने के बाद मिडिल ईस्ट (Middle East) में एक बड़ी जंग का माहौल बना हुआ है. इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या के बाद से मिडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ गया है. ईरान ने इजरायल पर हमले की धमकी दी है. लेबनान से हिजबुल्लाह ने गुरुवार देर रात उत्तरी इजरायल पर कई रॉकेट दागे. इसी बीच पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका मिडिल ईस्ट में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाएगा, तथा क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा और इजरायल की रक्षा के लिए अतिरिक्त युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों को तैनात करेगा. इसी बीच भारत ने लेबनान और इजरायल में रहने वाले भारतीयों के लिए एडवाइजरी जारी की है.
एक्शन मोड पर आया अमेरिका
अमेरिका ने ये कदम ईरान और उसके क्षेत्रीय सहयोगियों के बदला लेने की कसम खाने के बाद उठाया है. जिससे व्यापक मध्य पूर्व में संघर्ष की आशंका बढ़ गई है. पेंटागन की उप प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने एक बयान में कहा, "रक्षा विभाग ईरान या ईरान के सहयोगियों और प्रॉक्सी द्वारा क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने की संभावना को कम करने के लिए कदम उठा रहा है."
नेतन्याहू और बाइडेन में हुई बातचीत
एक बयान में, विभाग ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने यूरोप और मिडिल ईस्ट में अतिरिक्त बैलिस्टिक मिसाइल क्रूजर और विध्वंसक भी भेजे हैं और वहां अधिक बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा हथियार भेजने के लिए कदम उठा रहे हैं. व्हाइट हाउस के अनुसार, गुरुवार दोपहर को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बातचीत में बाइडेन ने बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से संभावित हमलों से बचाने के लिए नई अमेरिकी सैन्य तैनाती पर चर्चा की. अप्रैल में, अमेरिकी सेना ने ईरान द्वारा इजरायल के खिलाफ दागे गए दर्जनों मिसाइलों और ड्रोन को रोका था और उनमें से लगभग सभी को मार गिराने में मदद की.
लॉयड ऑस्टिन ने मिडिल ईस्ट में अब्राहम लिंकन विमान वाहक स्ट्राइक समूह को थियोडोर रूजवेल्ट वाहक स्ट्राइक समूह की जगह लेने का आदेश दिया है, जो ओमान की खाड़ी में है. इस निर्णय से पता चलता है कि पेंटागन ने कम से कम अगले साल तक ईरान के खिलाफ इस क्षेत्र में लगातार एक कैरियर रखने का फैसला किया है. पेंटागन ने यह नहीं बताया कि लड़ाकू जेट स्क्वाड्रन कहां से आ रहा है या यह मिडिल ईस्ट में कहां तैनात होगा. क्षेत्र में कई सहयोगी अक्सर अमेरिकी सैन्य बलों को तैनात करने के लिए तैयार रहते हैं, लेकिन इसे बताना नहीं चाहते.
ईरान से खतरों के खिलाफ इजरायल को सुरक्षा
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि बाइडेन ने "ईरान से खतरों के खिलाफ इजरायल की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिसमें उसके प्रॉक्सी आतंकवादी समूह हमास, हिजबुल्लाह और हौथी शामिल हैं". इसके अलावा, एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि मिडिल ईस्ट में मौजूद दो अमेरिकी नौसेना के विध्वंसक लाल सागर से भूमध्य सागर में उत्तर की ओर बढ़ेंगे. जरूरत पड़ने पर उनमें से कम से कम एक भूमध्य सागर में रुक सकता है.
इजराइल के हमले में एक के बाद एक दो हमास नेताओं और हिजबुल्ला के एक कमांडर की मौत हुई है. पिछले महीने हमास नेता इस्माइल हानिया की ईरान में हत्या कर दी गई थी. जबकि हमास की सैन्य शाखा के प्रमुख मोहम्मद जेफ गाजा में मारा गया था. लेबनान में सक्रिय हिजबुल्ला का कमांडर फौद शुकूर बेरूत पर किए गए हवाई हमले में मारा गया था.
एयर इंडिया ने तेल अवीव के लिए उड़ानें रद्द की
एयर इंडिया ने शुक्रवार को कहा कि उसने मध्य पूर्व में तनाव के कारण इजरायल के तेल अवीव से आने-जाने वाली अपनी उड़ानों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि उड़ान संचालन 8 अगस्त तक निलंबित कर दिया गया है, एयर इंडिया ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "मिडिल ईस्ट के कुछ हिस्सों में चल रहे घटनाक्रम को देखते हुए हमने 8 अगस्त 2024 तक तत्काल प्रभाव से तेल अवीव से आने-जाने वाली अपनी उड़ानों के निर्धारित संचालन को निलंबित कर दिया है."
भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइजरी
भारतीय दूतावास ने इजरायल में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी कि वे सतर्क रहने के साथ स्थानीय प्रशासन की ओर से सुझाए गए सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें. दूसरी ओर लेबनान की राजधानी बेरूत स्थित भारतीय दूतावास ने बृहस्पतिवार को भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक इस पश्चिमी एशियाई देश की यात्रा न करने तथा इजरायल और चरमपंथी समूह हिजबुल्ला के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर देश छोड़ने को लेकर ‘‘सख्त परामर्श'' जारी किया था. भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर जारी एक परामर्श में कहा, ‘‘क्षेत्र में हाल के घटनाक्रम और संभावित खतरों के मद्देनजर, भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक लेबनान की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी जाती है,'' इसमें कहा गया, ‘‘सभी भारतीय नागरिकों को लेबनान छोड़ने का कड़ा परामर्श दिया जाता है।''