- ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई ने इजरायल पर जीत का ऐलान किया है.
- उन्होंने इजरायल को 'झूठा जायोनी शासन' कहा है.
- खामेनेई ने अमेरिका को भी दोबारा हमला न करने की चेतावनी दी.
इजरायल के साथ 12 दिनों तक चले संघर्ष के बाद और सीजफायर प्रभावी होने के बाद ईरान के सुप्रीम लीडर अयतुल्ला खामेनेई का पहला बयान आया है. पहली बार सार्वजनिक बयान जारी कर खामेनेई ने 'महान देश ईरान' को बधाई दी है और 'झूठे जायोनी शासन' यानी इजरायल पर जीत का ऐलान किया है. खामेनेई पिछले कुछ दिनों से गायब थे और जब अमेरिका ने ईरान पर हमला किया तब से ही उनके बयान का इंतजार हो रहा था.
क्यों जंग में शामिल हुआ अमेरिका
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी इरना ने खामेनेई के हवाले से कहा, 'इतने शोरगुल और तमाम दावों के बावजूद, जायोनी शासन करीब ध्वस्त हो गया है और इस्लामी गणतंत्र के हमलों ने उसे पूरी तरह से कुचल दिया.' उन्होंने कहा, 'अमेरिका इस युद्ध में इसलिए शामिल हुआ क्योंकि उन्हें लगा कि अगर वह साथ नए आए तो इजरायल पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा. लेकिन उन्हें भी इस युद्ध से कुछ हासिल नहीं हुआ है.' खामेनेई ने इजरायल का नाम नहीं लिया और उसे 'झूठा जायोनी शासन' के तौर पर संबोधित किया.
खामेनेई ने खाड़ी में तैनात अमेरिकी सेना पर ईरान के जवाबी हमले का भी जिक्र किया. उन्होंने दावा किया कि इससे अमेरिका के सैन्य ढांचे को सीधा झटका लगा है. खामेनेई ने कहा, 'इस्लामिक रिपब्लिक ने अमेरिका के चेहरे पर जोरदार तमाचा मारा है. इसने अल-उदीद एयर बेस पर हमला किया और उसे नुकसान पहुंचाया, जो इस क्षेत्र में अमेरिका के प्रमुख ठिकानों में से एक है.'
अमेरिका को भी चेतावनी
एक और टिप्पणी में, खामेनेई ने चेतावनी दी कि ईरान के पास क्षेत्र में अमेरिका पर अपनी इच्छानुसार हमला करने की क्षमता है. उनके आधिकारिक अकाउंट से एक पोस्ट में लिखा गया, 'यह सच कि इस्लामिक गणराज्य के पास क्षेत्र में प्रमुख अमेरिकी केंद्रों तक पहुंच है और जब भी वह जरूरी समझे, कार्रवाई कर सकता है, एक महत्वपूर्ण बात है. भविष्य में भी ऐसी कार्रवाई दोहराई जा सकती है. अगर कोई हमला होता है तो दुश्मन को निश्चित रूप से भारी कीमत चुकानी पड़ेगी.'