करारा जवाब मिलेगा…. जंग के मैदान से दूर UN सुरक्षा परिषद में भिड़े ईरान-अमेरिका, आगे क्या होगा?

Iran Israel War: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की यह आपात बैठक एजेंडा आइटम "अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा" के तहत बुलाई गई थी. जानिए यहां अमेरिका और ईरान ने एक-दूसरे पर क्या आरोप लगाए हैं.

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Iran Israel War: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जंग को लेकर आपात बैठक हुई
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  • अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया है.
  • संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ईरान और अमेरिका आमने-सामने आए हैं.
  • ईरान ने अमेरिकी हमलों को एक गंभीर अपराध कहा है.
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ईरान और इजरायल के बीच की जंग (Iran Israel War) में अब अमेरिका भी पूरी तरह शामिल हो चुका है. अमेरिका ने अपने फाइलटर जेट्स और पनडुब्बियों की मदद से ईरान के तीन अहम परमाणु ठिकानों पर हमला किया है. सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में ईरान और अमेरिका आमने-सामने दिखे. ईरान ने यहां कहां कि एक मनगढ़ंत और बेतुके गांव के तहत उसके खिलाफ अमेरिका ने युद्ध छेड़ दिया है. वहीं अमेरिका ने यहां दावा किया कि दशकों से, ईरान पूरे मिडिल ईस्ट में दुख और अनगिनत मौतों के लिए जिम्मेदार रहा है.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की यह आपात बैठक एजेंडा आइटम "अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा" के तहत बुलाई गई थी.

ईरान ने अमेरिका और इजरायल की आलोचना की

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के प्रतिनिधि अमीर सईद इरावानी ने कहा कि अमेरिका के हमले "एक जबरदस्त अपराध" हैं और उन्होंने इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर ट्रंप को संघर्ष में शामिल करवाने का आरोप लगाया. 

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अमीर सईद इरावानी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया, "संयुक्त राज्य अमेरिका, जो इस परिषद का एक स्थायी सदस्य है... ने अब एक बार फिर अवैध बल का सहारा लिया है, एक मनगढ़ंत और बेतुके बहाने के तहत मेरे देश के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है कि ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोक रहा है."

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इरावानी ने इजरायल पर राजनयिक प्रयासों को विफल करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि ईरानी सेना अमेरिका और इजरायल द्वारा हाल के हमलों पर अपनी प्रतिक्रिया का "समय, प्रकृति और पैमाना" निर्धारित करेगी. उन्होंने अमेरिकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा, ''आज, संयुक्त राज्य अमेरिका के राजनीतिक इतिहास में एक और दाग दर्ज किया गया.''

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अमेरिका ने ईरान पर लगाए आरोप

संयुक्त राष्ट्र में कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत डोरोथी शीया ने बैठक में बोलते हुए कहा कि अमेरिकी बलों ने ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को "नष्ट" करने और "आतंकवाद के दुनिया के सबसे प्रमुख राज्य प्रायोजक" द्वारा उत्पन्न परमाणु खतरे को रोकने के उद्देश्य से रविवार को हमला किया.

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उन्होंने कहा, "इस ऑपरेशन का उद्देश्य वैश्विक असुरक्षा के लंबे समय से चले आ रहे लेकिन तेजी से बढ़ते स्रोत को खत्म करना और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप सामूहिक आत्मरक्षा के हमारे अंतर्निहित अधिकार में हमारे सहयोगी इजरायल की सहायता करना था."

उन्होंने कहा कि ईरान ने अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को "लंबे समय तक अस्पष्ट" रखा है और हाल की वार्ताओं में "अच्छे विश्वास के प्रयासों में बाधा उत्पन्न" की है. शीया ने कहा कि 40 वर्षों से, ईरानी सरकार ने "अमेरिका को मौत" और "इजरायल को मौत" का आह्वान किया है और अपने पड़ोसियों, अमेरिका और पूरी दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए "लगातार खतरा" पैदा किया है.

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