बदले की आग में जल रहे ईरान ने चुन लिया इजरायल पर हमले का वक्त?

हाल ही में ईरान की राजधानी तेहरान में फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई थी. इस हमले के बाद ईरान ने इजरायल से बदला लेने की धमकी दी थी. ईरान ने इस हत्या के लिए इजरायल को दोषी ठहराया है, लेकिन उन्होंने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है.

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वाशिंगटन:

इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है. ईरान और लेबनान के हिजबुल्लाह समूह ने पिछले महीने हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया और हिजबुल्लाह कमांडर फुआद शुक्र की हत्या का बदला लेने की कसम खाई थी. ईरान ने इजरायल को हमले की धमकी भी दी थी. अब कहा जा रहा है कि ईरान ने हमले की तैयारी पूरी कर ली है और इस हफ्ते वो इजरायल पर किसी भी वक्त हमला कर सकता है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी के अनुसार वाशिंगटन जेरूसलम के इस आकलन से सहमत है कि ईरान इस सप्ताह इजरायल पर बड़ा हमला कर सकता है. 

राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने संवाददाताओं से कहा, "हमें बड़े पैमाने पर होने वाले हमलों के लिए तैयार रहना होगा." किर्बी की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब संयुक्त राज्य अमेरिका ने इजरायल के क्षेत्र में विमान वाहक स्ट्राइक समूह और एक निर्देशित मिसाइल पनडुब्बी भेज रहा है. व्हाइट हाउस ने कहा कि बाइडेन ने बढ़ते तनाव पर चर्चा के लिए सोमवार को फ्रांस, जर्मनी, इटली और ब्रिटेन के नेताओं के साथ चर्चा भी की. दूसरी ओर हमले की आशंका को देखते हुए कई एयरलाइन कंपनियों ने इजरायल जाने वाली अपनी फ्लाइट को रद्द कर दिया है.

इजरायल से बदला लेना हमारा कर्तव्य

ईरान के एक शीर्ष रक्षा अधिकारी ने हाल ही में हमले की बात भी दोहराई थी.  ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गॉर्ड्स कॉर्प्स के अंतर्गत आने वाले कुद्स फोर्स के कमांडर इस्माइल कानी ने एक पत्र लिख कर याह्या सिनवार को हमास पोलित ब्यूरो के नए प्रमुख पद पर नियुक्ति के लिए बधाई दी थी. साथ ही हानिया की मौत पर संवेदना व्यक्त की. क़ानी ने कहा, "हानिया के खून का बदला लेना हम अपना कर्तव्य समझते हैं " जो ईरान में एक अप्रिय घटना में मारे गए थे.

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हानिया को 30 जुलाई के दिन ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था, अगले दिन तेहरान में वह अंगरक्षकों समेत मारे गए थे. ईरान ने इजरायल पर हमले को अंजाम देने का आरोप लगाया था और "कठोर और दर्दनाक प्रतिक्रिया" के तहत बदला लेने की कसम खाई थी.

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हिजबुल्ला ने इजरायल सैन्य अड्डे पर दागे रॉकेट

हिजबुल्ला ने सोमवार को उत्तरी इजराइल में एक सैन्य अड्डे पर कत्युशा रॉकेटों से हमला किया था. रॉकेटों ने उत्तरी इजरायल के गाटन शहर में इजरायली रक्षा बलों के 146वें डिवीजन के नए मुख्यालय को निशाना बनाया. आईडीएफ ने पुष्टि की कि हिजबुल्लाह ने सोमवार को लेबनान से पश्चिमी गैलिली में लगभग 30 रॉकेट दागे. इनमें से कई किबुत्ज काबरी के पास खुले इलाकों में गिरे. किसी के घायल होने की सूचना नहीं है.

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लेबनान के सैन्य सूत्रों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया था कि रविवार देर रात दक्षिणी लेबनान के मारौब गांव पर इजरायल हवाई हमले में 12 नागरिक घायल हो गए और कई घर नष्ट हो गए. 30 जुलाई को बेरूत के दक्षिणी उपनगरों पर इजरायल के हमले के बाद लेबनान में तनाव बना हुआ है. हमले में वरिष्ठ हिजबुल्ला सैन्य कमांडर फौद शोकोर और सात अन्य मारे गए थे.

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ईरान और इजरायल के बीच किसमें कितना दम

ईरान के पास 610000 सैन्यकर्मियों हैं. जबकि इजरायल के पास 170000 सैन्य बल हैं. ईरान के सुरक्षित फोर्स का आंकड़ा 350000 है. जबकि इजरायल के पास 465000 है. ईरान के अर्धसुरक्षा बल का आंकड़ा 220000 है. वहीं इजरायल के पास 35000 है. 

विमानों की बात की जाए तो इजरायल के पास 612 विमान है, जबकि ईरान के पास कुल विमान 551 हैं. इनमें से ईरान के पास लड़ाकू विमानों की संख्या 186 और इजरायल के पास 241 है. ईरान के पास हेलीकॉप्टर की संख्या 129 और इजरायल के पास 146 हैं.

ईरान के पास कुल 1996 टैंक हैं. जबिक इजरायल के पास 1370 टैंक हैं.

ईरान के पास हथियारबंद वाहन की संख्या भी इजरायल से ज्यादा है. ईरान के पास 65765 हथियारबंद वाहन हैं. जबकि इजरायल के पास 43407 हैं. ईरान के पास मोबाइल रॉकेट प्रोजेक्टर 775 हैं, तो इजरायल के पास 150 हैं. ईरान का रक्षा बजट 9 अरब डॉलर है. इजरायल का 24 अरब डॉलर है.

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