- अमेरिका ने ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट पर हमला किया है.
- सैटेलाइट इमेज से हमले में गंभीर क्षति का संकेत मिलता है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती.
- ईरान ने हमले से पहले यूरेनियम भंडार को स्थानांतरित किया हो सकता है. सैटेलाइट तस्वीरों में इसके बड़े संकेत मिले
अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बड़े पैमाने का हमला किया है और अब पूरी दुनिया की जुबान पर यह सवाल है कि आखिर हमले (Iran Israel War) में इन ठिकानों को कितना नुकसान पहुंचा है. आज जमाना सैटेलाइट से रियल टाइम में आती तस्वीरों का है और इस वजह से पहले पूछे गए सवाल का जवाब खोजा जा सकता है. कमर्शियल सैटेलाइट से आ रहीं तस्वीरों से संकेत मिलता है कि ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट पर अमेरिकी हमले में गहराई से दबी हुई साइट और उसमें स्थित यूरेनियम-एनरिच सेंट्रीफ्यूज गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए और संभवतः नष्ट हो गए. लेकिन इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार यह दावा विशेषज्ञों ने रविवार को किया.
संयुक्त राष्ट्र के पूर्व परमाणु निरीक्षक डेविड अलब्राइट, विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा संस्थान के प्रमुख हैं. उनके अनुसार अमेरिका ने बस इन एमओपी से हमला किया. एमओपी यानी मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर, इसे बोलचाल की भाषा में अमेरिका का बंकरफोड़ बम भी कहा जा रहा है जो अंडरग्राउंड साइट को तबाह कर सकता है. डेविड अलब्राइट ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि परमाणु साइट संभवतः फूंक गई है."
फोर्डो न्यूक्लियर साइट हमले के पहले और बाद
हालांकि सैटेलाइट इमेजरी में विशेषज्ञता रखने वाले सीएनए कॉर्पोरेशन के एक सहयोगी रिसर्चर डेकर एवेलेथ ने कहा कि जमीन के नीचे कितना नुकसान हुआ है, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है. उन्होंने कहा, "सैकड़ों सेंट्रीफ्यूज वाला हॉल इतनी गहराई में दबा हुआ है कि सैटेलाइट इमेजरी के आधार पर क्षति के स्तर का मूल्यांकन करना हमारे लिए संभव नहीं है."
रविवार तड़के अमेरिकी सेना द्वारा किए गए हमलों से बचाव के लिए, ईरान ने अपने अधिकांश परमाणु कार्यक्रम को गहरे अंडरग्राउंड साइट में दफन कर दिया था, जिसमें फोर्डो में एक पहाड़ भी शामिल था. अमेरिका और इजरायल ने कहा है कि वे तेहरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने का इरादा रखते हैं. लेकिन ईरान के परमाणु साइट और उपकरणों को पूरी तरह से नष्ट करने में विफलता का मतलब यह हो सकता है कि ईरान अधिक आसानी से हथियार कार्यक्रम को फिर से शुरू कर सकता है जिसे अमेरिकी खुफिया और संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का कहना है कि इसे 2003 में बंद कर दिया गया था.
क्या हमले के पहले ईरान ने परमाणु ठिकाना साफ कर दिया था?
कई विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी कि ईरान ने रविवार की सुबह हमले से पहले ही फोर्डो से लगभग हथियार-ग्रेड के अत्यधिक समृद्ध (शुद्ध) यूरेनियम के भंडार को ट्रांसफर कर दिया था. हो सकता है कि यूरेनियम भंडार के साथ और अन्य परमाणु घटकों को इजरायल, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निरीक्षकों की नजरों से छिपाकर अज्ञात स्थानों पर ले जाया गया हो.
फोर्डो न्यूक्लियर साइट के बाहर 19 जून को ही ट्रकों की कतार लगी थी
विशेषज्ञों ने मैक्सार टेक्नोलॉजीज की तरफ से जारी सैटेलाइट इमेजरी पर ध्यान दिया. इसमें गुरुवार और शुक्रवार को फोर्डो में "असामान्य गतिविधि" दिखाई दे रही थी, जिसमें फोर्डो न्यूक्लियरसाइट के एंट्री गेट के बाहर वाहनों की लंबी कतार इंतजार कर रही थी. एक वरिष्ठ ईरानी सूत्र ने रविवार को रॉयटर्स को बताया कि अमेरिकी हमले से पहले अधिकांश हथियार-ग्रेड तक शुद्ध यूरेनियम (60% या अधिक) को एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया था.
मोंटेरे में मिडिलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के जेफरी लुईस ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि आप बहुत आत्मविश्वास के साथ उनके परमाणु कार्यक्रम को कुछ साल पीछे करने के अलावा कुछ कर सकते हैं.. लगभग निश्चित रूप से ऐसी भी सुविधाएं (ठिकाने) हैं जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं."