ईरान में इजराइल के लिए जासूसी करने वाले को फांसी, ऐसे परमाणु वैज्ञानिक की खुफिया जानकारी की थी लीक

ईरान की न्यायपालिका ने जानकारी दी है कि इजरायल के हमले में मारे गए एक परमाणु वैज्ञानिक के बारे में जानकारी देकर इजरायल के लिए जासूसी करने के दोषी एक व्यक्ति को बुधवार, 6 अगस्त को फांसी दे दी.

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  • ईरान ने इजरायल के लिए जासूसी करने वाले एक व्यक्ति को परमाणु वैज्ञानिक की जानकारी लीक करने के आरोप में फांसी दी
  • इजरायल के हमलों में ईरान के कई वरिष्ठ सैन्य कमांडर और कम से कम एक दर्जन परमाणु वैज्ञानिक मारे गए थे.
  • मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, ईरान में चीन के बाद सबसे अधिक लोगों को मौत की सजा दी जाती है.
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इजरालय से 12 दिनों तक चली जंग के बाद ईरान में उथल-पुथल का दौर चल रहा है. ईरान की सरकार उन लोगों को खोजकर फांसी दे रही है जिनपर इजरायल के लिए जासूसी का आरोप है. अब ईरान की न्यायपालिका ने जानकारी दी है कि इजरायल के हमले में मारे गए एक परमाणु वैज्ञानिक के बारे में जानकारी देकर इजरायल के लिए जासूसी करने के दोषी एक व्यक्ति को बुधवार, 6 अगस्त को फांसी दे दी.

ईरान की न्यायपालिका की मिजान ऑनलाइन वेबसाइट ने कहा, "रूजबेह वादी... को न्यायिक कार्यवाही और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उसकी सजा की पुष्टि के बाद फांसी दे दी गई." इसमें कहा गया कि उस व्यक्ति ने एक "परमाणु वैज्ञानिक के बारे में जानकारी लीक की थी, जिनकी जायोनी (इजरायली) शासन के हालिया आक्रमण के दौरान हत्या कर दी गई थी." 

यह साफ नहीं किया गया कि उस व्यक्ति को कब गिरफ्तार किया गया था या उसे कब सजा सुनाई गई. मिजान वेबसाइट ने बताया कि दोषी व्यक्ति वाडी ने ईरान के "प्रमुख और संवेदनशील संगठनों" में से एक में काम किया था. इसके बाद इजरायल की मोसाद जासूसी एजेंसी ने उसे ऑनलाइन भर्ती किया "गुप्त जानकारी" ली.

गौरतलब है कि जून के मध्य में इजरायल ने ईरान के खिलाफ हवाई हमला शुरू किया, जिससे युद्ध शुरू हो गया. ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों से जवाब दिया. इजरायली हमले में ईरान के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों, परमाणु वैज्ञानिकों और सैकड़ों अन्य लोगों की मौत हो गई. स्थानीय मीडिया के मुताबिक कम से कम एक दर्जन परमाणु वैज्ञानिक मारे गए. बाद में अमेरिका ने भी ईरान पर हमला किया. आखिरकार 12 दिन तक जंग चलने के बाद सीजफायर समझौता हुआ.

युद्ध के बाद से ईरान ने इजरायल की मदद करने के संदेह में गिरफ्तार किए गए लोगों के लिए त्वरित सुनवाई की कसम खाई है. वहां के अधिकारियों ने इजरायल के लिए जासूसी करने के संदेह में कई लोगों की गिरफ्तारी और मोसाद के साथ काम करने के दोषी कई लोगों को फांसी देने की घोषणा की है.

एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित मानवाधिकार समूहों के अनुसार, चीन के बाद ईरान में ही सबसे अधिक लोगों को फांसी की सजा सुनाई जाती है.

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