ईरान ने 2018 के हमले के बाद हिरासत में लिए गए इस्लामिक स्टेट समूह के नौ आतंकवादियों को मौत की सजा दे दी है, उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया गया है. ईरानी न्यायपालिका की मिजान न्यूज एजेंसी ने मंगलवार को सजा दिए जाने की घोषणा की. इसमें बताया गया है कि आतंकवादियों को ईरान के अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के साथ झड़प में शामिल होने के बाद हिरासत में लिया गया था, जिसमें तीन ईरानी सैनिक मारे गए थे.
ईरान में फांसी की सजा दी जाती है.
न्यूज एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार चरमपंथी समूह इस्लामिक स्टेट ने कभी 2014 में खिलाफत में इराक और सीरिया में विशाल क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था, लेकिन वे अंततः अमेरिकी नेतृत्व वाली सेनाओं द्वारा पराजित हो गया. पिछले कुछ सालों में यह अव्यवस्थित रहा है, हालांकि इसने बड़े हमले किए हैं. उदाहरण के लिए, पड़ोसी अफगानिस्तान में, माना जाता है कि 2021 में पश्चिमी समर्थित सरकार के तालिबान के हाथों गिरने के बाद से इस्लामिक स्टेट समूह की ताकत बढ़ गई है.
समूह ने पहले जून 2017 में तेहरान में संसद और अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी के मकबरे पर हमले का दावा किया था, जिसमें कम से कम 18 लोग मारे गए थे और 50 से अधिक घायल हो गए थे. इसने ईरान में अन्य हमलों का भी दावा किया है, जिसमें 2024 में दो आत्मघाती बम विस्फोट भी शामिल हैं, जो 2020 के अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए एक ईरानी जनरल की स्मृति को निशाना बनाकर किए गए थे. उस हमले में कम से कम 94 लोग मारे गये.
(इनपुट- एपी)